कमलनाथ ने एक बार फिर कर्ज पर उठाए सवाल, कहा- प्रदेश सरकार आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया वाली स्थिति में

भाेपाल, 26 मार्च (हि.स.)। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक बार फिर प्रदेश सरकार द्वारा लिए जा रहे कर्ज पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का कर्ज संकट ‘आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैया’ वाली स्थिति में पहुंच गया है। कर्ज की स्थिति अब सरकार के वार्षिक बजट से भी ज्यादा हो गया है। इतना ही नहीं कमलनाथ ने कहा कि एमपी में विकास के नाम पर सिर्फ घोटाले हो रहे हैं।
कमलनाथ ने बुधवार काे साेशल मीडिया एक्स पर पाेस्ट करते हुए लिखा मध्य प्रदेश सरकार का कर्ज़ संकट 'आमदनी अठन्नी, ख़र्चा रुपैया' वाली स्थिति में पहुँच गया है। स्थिति यह है कि कर्ज़ अब मध्य प्रदेश सरकार के वार्षिक बजट से भी ज़्यादा हो गया है।प्रदेश सरकार ने दो हफ़्ते पहले जो बजट पेश किया वह 4.2 लाख करोड़ रुपये का था, जबकि मंगलवार को सरकार ने 4400 करोड़ रुपये का जो अतिरिक्त लोन लेने की औपचारिकताएं पूरी कीं, उसके बाद प्रदेश सरकार के ऊपर 4.3 लाख करोड़ रुपया से अधिक का कर्ज़ हो गया है।प्रदेश सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 61,400 करोड़ रुपये का कर्ज़ लिया है।प्रदेश को इतने ज़बरदस्त कर्ज़ संकट में धकेलने के बावजूद प्रदेश में विकास के नाम पर सिर्फ़ घोटाले हो रहे हैं।
कमलनाथ ने आगे कहा इस तरह से लाखों करोड़ रुपये का यह कर्ज़ प्रदेश के विकास में नहीं, बल्कि सत्ताधारी पार्टी और उससे जुड़े लोगों की जेब में भ्रष्टाचार के रूप में जा रहा है। कर्ज़ कि इस रक़म को कभी मध्य प्रदेश की जनता कार में रखे करोड़ों रुपया और सोने के रूप में देखती है, कभी धान घोटाले के रूप में देखती है, कभी राशन घोटाले के रूप में देखती है, कभी भर्ती घोटाले के रूप में देखती है तो कभी बेरोजगारों की बढ़ती संख्या के रुप में देखती है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश में नौकरियां कम हो रहीं, हैं, रोज़गार कम हो रहा है, किसानों की आमदनी कम हो रही है, स्कूलों की संख्या कम हो रही है और स्कूलों में छात्रों की संख्या कम हो रही, सरकारी स्कूल कॉलेज में शिक्षकों के पद ख़ाली पड़े हैं और आवश्यक वस्तुएं लगातार महंगी हो रही हैं, तो फिर आख़िर कर्ज की इस रक़म का उपयोग कहाँ हो रहा है? इस रक़म का उपयोग भ्रष्टाचार और सरकारी इवेंटबाज़ी में हो रहा है। बड़े बड़े विज्ञापनों और आयोजनों में हो रहा है। कर्ज़ लेने की प्रवृत्ति अब एक महामारी बन गई है, जिससे मध्य प्रदेश की जनता छुटकारा चाहती है।
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हिन्दुस्थान समाचार / नेहा पांडे