उद्योग जगत के लिए तैयार कार्यबल का सृजन शैक्षणिक परिसरों से हो सुनिश्चित : मंत्री परमार

- स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी में दो दिवसीय इनोवेशन कार्निवल नवोन्मेष 2025 का शुभारंभ
भोपाल, 25 मार्च (हि.स.)। वर्तमान परिदृश्य में उद्योग जगत, स्किल्ड कार्यबल के अभाव से जूझ रहा है। शैक्षणिक संस्थानों को तकनीक का उपयोग कर उद्योग जगत के लिए स्किल्ड कार्यबल तैयार करने की आवश्यकता है। शैक्षणिक संस्थानों की दीर्घ तपस्या और अथक प्रयासों से स्किल्ड पेशेवरों की कमी को दूर करने में सहायता मिलेगी, जिससे उद्योग जगत को योग्य कर्मियों की आवश्यकता पूरी हो सकेगी।
यह बात उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार ने मंगलवार को भोपाल स्थित स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी में, नवाचार एवं उद्यमशीलता की भावना को प्रोत्साहित करने के संदर्भ में आयोजित दो दिवसीय नवोन्मेष-2025 कार्निवल के शुभारम्भ अवसर पर कही। मंत्री परमार ने नवाचार एवं उद्यमिता के संदर्भ में कार्यक्रम आयोजन के लिए संस्थान परिवार को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। श्री परमार ने कहा कि स्किल्ड समाज निर्माण में संस्थान का यह योगदान, अभिप्रेरक बनेगा।
मंत्री परमार ने कहा कि तकनीकी शिक्षा में हिंदी भाषा में शब्दकोष होना चाहिए, इससे विद्यार्थियों को अपनी मातृभाषा में तकनीकी ज्ञान प्राप्त करने में सुविधाजनक सुलभता होगी। इसके लिए हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व का भाव जागृत करने की आवश्यकता है। परमार ने कहा कि विश्व के विभिन्न देशों ने अपनी मातृ-भाषाओं में शिक्षा पद्धति विकसित कर, अपने देश को विश्वमंच पर स्थापित किया है। हमें भी अपने देश को ज्ञान के आधार पर विश्वमंच पर पुनः सिरमौर बनाने के लिए अपनी मातृभाषा में शिक्षा पद्धति विकसित करनी होगी।
मंत्री परमार ने वर्तमान परिदृश्य में कृषि क्षेत्र में रासायनिक उत्पादों के उपयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि किसानों के प्रश्नों का समाधान शिक्षा क्षेत्र के माध्यम से ही संभव है। हमें कृषि के क्षेत्र में भारतीय ज्ञान परम्परा के आधार पर, भारतीय दृष्टि से समृद्ध शोध एवं अनुसंधान कर, समाधान-कारक नवाचार करने की आवश्यकता है। हमारी परंपरा में स्थापित वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर काम करना होगा, जैसा कि पहले भारत में तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्वविद्यालयों में हुआ करता था।
परमार ने कहा कि भारत की ज्ञान परम्परा; विज्ञान, चिकित्सा और तकनीकी शिक्षा से समृद्ध रही है। हमें इसे युगानुकुल परिप्रेक्ष्य में पुनः शोधित करके मानव जीवन के लिए उपयोगी बनाना होगा। श्री परमार ने कहा कि यहां जो स्टार्टअप्स आए हैं, वे रोजगार सृजन में अहम भूमिका निभाएंगे। मंत्री परमार ने विश्वास जताते हुए कहा कि स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष 2047 तक भारत पुनः विश्वगुरु बनेगा, इसके लिए हम सभी की सह भागिता आवश्यक है।
मंत्री परमार एवं आईसेक्ट ग्रुप के चेयरमैन एवं कुलाधिपति संतोष चौबे, स्कोप ग्लोबल स्किल विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी, ब्रेनी बियर प्रीस्कूल और एक्टिविटी क्लब चेन की संस्थापक डॉ. पल्लवी राव चतुर्वेदी द्वारा सृजित पेंगुइन पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक 'बिग कंट्री, लिटिल बिजनेस' का विमोचन किया।
दो दिवसीय इनोवेशन कार्निवल अटल इंक्यूबेशन सेंटर-रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी एवं आईसेक्ट ग्रुप के तत्वावधान में आयोजित किया गया है। इस कार्निवल का उद्देश्य उद्यमिता, रचनात्मकता और प्रौद्योगिकी-संचालित समाधानों को बढ़ावा देना है।
इस अवसर पर आईसेक्ट ग्रुप की निदेशक डॉ अदिति चतुर्वेदी वत्स, एआईसी-आरएनटीयू के निदेशक डॉ. नितिन वत्स एवं रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो आर.पी. दुबे सहित विभिन्न उद्यमी, उद्योगजगत के लीडर्स, निवेशक, प्राध्यापक, विद्यार्थी, शोधार्थी एवं अन्य विद्वतजन उपस्थित थे। स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी के कुलगुरु डॉ. विजय सिंह ने आभार व्यक्त किया।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर