अखंड सौभाग्य के लिए 01 अप्रैल को महिलाएं मनायेंगी गणगौर पर्व

WhatsApp Channel Join Now
अखंड सौभाग्य के लिए 01 अप्रैल को महिलाएं मनायेंगी गणगौर पर्व


17 दिनों तक ​महिलाएं बनाती हैं भगवान शिव और पार्वती की प्रतिमा

रांची, 28 मार्च (हि.स.)। हिंदू धर्म में आस्था और श्रद्धा का पर्व गणगौर गणगौर एक अप्रैल को राजधानी रांची में धूमधाम से मनाया जाएगा। हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस पर्व को चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाने की परंपरा है। गणगौर पूजा भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। इसलिए इस दिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की मिट्टी की प्रतिमा बनाकर उनकी पूजा करती हैं। इसे गौरी तृतीया के नाम से भी जाना जाता है।

मान्यता है कि इस व्रत को करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। भगवान शिव जैसा पति प्राप्त करने के लिए अविवाहित युवतियां भी इस व्रत को करती हैं।

आशीर्वाद देने के लिए भ्रमण करते हैं भगवान शिव

इस संबंध में जिला मारवाड़ी सम्मेलन के संयुक्त महामंत्री और प्रणामी ट्रस्ट के प्रवक्ता संजय सर्राफ ने शुक्रवार को बताया कि गणगौर शब्द गण और गौर दो शब्दों से मिलकर बना है। जहां गण का अर्थ शिव और गौर का अर्थ माता पार्वती से है।

उन्होंने कहा कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती भगवान शिव के साथ सुहागन महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देने के लिए भ्रमण करती हैं। महिलाएं परिवार में सुख-समृद्धि और सुहाग की रक्षा की कामना करते हुए पूजा करती हैं।

17 दिनों तक ​महिलाएं बनाती हैं भगवान शिव और पार्वती की प्रतिमा

उन्होंने बताया कि गणगौर का त्यौहार फाल्गुन माह की पूर्णिमा (होली) के दिन से शुरू होता है, जो अगले 17 दिनों तक चलता है तथा हर रोज भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा बनाई जाती है और पूजा और गीत गाए जाते हैं। इसके बाद चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके व्रत और पूजा करती हैं और शाम के समय गणगौर की कथा सुनती हैं तथा गणगौर की प्रतिमाओं का नदी और तालाबों में पूरे विधि विधान से विसर्जन करती हैं।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak

Share this story

News Hub