पुंछ, राजौरी और रियासी में विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस मनाया

जम्मू, 3 अप्रैल (हि.स.)। सुरक्षा प्रयासों के साथ-साथ सेना सद्भावना और संपर्क परियोजनाओं जैसी विकासात्मक पहलों में सक्रिय रूप से लगी हुई है जिसका उद्देश्य सद्भावना और स्थायी शांति को बढ़ावा देना है। इसी को जारी रखते हुए विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस के अवसर पर भारतीय सेना ने समोटे रतजाबरा, नाग्याल बनी और सेल सुई में सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में छात्रों के लिए जागरूकता वार्ता का आयोजन किया। सत्र इस वर्ष की थीम, वयस्कता का संक्रमण पर केंद्रित था जिसमें वयस्कता में बढ़ने के साथ ऑटिज्म से पीड़ित व्यक्तियों की चुनौतियों और जरूरतों पर जोर दिया गया।
बताते चलें कि ऑटिज्म एक विकासात्मक विकार है जो सामाजिक कौशल, भाषण और व्यवहार को प्रभावित करता है। इस वार्ता में समावेशिता और समर्थन के महत्व पर प्रकाश डाला गया ताकि ऑटिस्टिक व्यक्ति समाज के अभिन्न सदस्य के रूप में सार्थक जीवन जी सकें। इस सत्र में कुल 15 शिक्षक, 145 छात्र और 92 नागरिक शामिल हुए जिन्होंने इस विषय पर विशेषज्ञ अंतर्दृष्टि से लाभ उठाया। इस पहल की दिल से सराहना की गई, क्योंकि शिक्षकों और छात्रों ने इस तरह के सार्थक जागरूकता कार्यक्रम के आयोजन के लिए भारतीय सेना के प्रति आभार व्यक्त किया।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा