सभी कार्य जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में निर्धारित संवैधानिक ढांचे के भीतर ही किए गए हैं-उपराज्यपाल

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सभी कार्य जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में निर्धारित संवैधानिक ढांचे के भीतर ही किए गए हैं-उपराज्यपाल


श्रीनगर, 4 अप्रैल (हि.स.)। हाल ही में हुए प्रशासनिक तबादलों की आलोचना के बीच जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इन फैसलों का दृढ़ता से बचाव करते हुए कहा कि सभी कार्य जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में निर्धारित संवैधानिक ढांचे के भीतर ही किए गए हैं।

राजनीतिक दलों और गठबंधन के सदस्यों द्वारा उठाई गई चिंताओं को संबोधित करते हुए सिन्हा ने कहा कि मैं यह बिल्कुल स्पष्ट करना चाहता हूं कि संसद ने 2019 में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम पारित किया था और मैंने पूरी तरह से उस अधिनियम द्वारा परिभाषित क्षेत्राधिकार के भीतर काम किया है।

उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने कभी भी अपनी संवैधानिक सीमाओं का उल्लंघन नहीं किया है और आश्वासन दिया कि वह भविष्य में ऐसा कभी नहीं करेंगे। एलजी ने कहा कि मैं अपने अधिकार क्षेत्र और जिम्मेदारियों से पूरी तरह वाकिफ हूं। मैंने कभी उनका उल्लंघन नहीं किया है और न ही कभी करूंगा।

यह बयान तबादलों के बाद हुई प्रतिक्रिया के जवाब में आया है जिसकी गठबंधन दलों ने निंदा की है और इसे लोकतांत्रिक मानदंडों का उल्लंघन बताया है।

हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह

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