हिमाचल में करूणामूलक नौकरियों के 1839 मामले लंबित, कैबिनेट सब कमेटी 15 अप्रैल तक देगी रिपोर्ट
शिमला, 26 मार्च (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बुधवार को करूणामूलक आधार पर नौकरी देने का मामला जोरशोर से उठा। प्रश्नकाल के दौरान विधायक सतपाल सिंह सत्ती और सुरेंद्र शौरी ने सरकार से पूछा कि पात्र व्यक्तियों को शीघ्र रोजगार देने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
इसके जवाब में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार करूणामूलक आधार पर योग्य अभ्यर्थियों को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में एक मंत्रिमंडलीय समिति गठित की गई है, जिसकी सिफारिशों के आधार पर सरकार निर्णय लेगी।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न सरकारी विभागों में 31 अक्टूबर 2024 तक करूणामूलक आधार पर रोजगार के कुल 1839 मामले लंबित हैं। वहीं, संशोधित दिशा-निर्देशों के तहत 2524 मामलों को अस्वीकृत किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि 7 मार्च 2019 को जारी संशोधित दिशानिर्देशों के आधार पर प्रशासनिक विभाग इन मामलों का निपटारा कर रहे हैं। सरकार इस प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पूरा करना चाहती है।
उपमुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार पात्र व्यक्तियों को एकमुश्त नौकरी देने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि सरकार चुनावी वादों के मुताबिक काम कर रही है और सभी मामलों पर विचार कर नियमानुसार रोजगार प्रदान किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने जानकारी दी कि उनकी अध्यक्षता में गठित कैबिनेट सब-कमेटी अब तक दो बैठकें कर चुकी है। उन्होंने कहा कि यह समिति अपनी रिपोर्ट 15 अप्रैल से पहले सरकार को सौंप देगी जिसके आधार पर जल्द निर्णय लिया जाएगा।
विधानसभा में विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरने का प्रयास किया। विधायक रणधीर शर्मा और सुरेंद्र शौरी ने सवाल उठाया कि अस्वीकृत मामलों की संख्या अधिक है और उनमें अधिकांश को आय सीमा के मापदंड के आधार पर बाहर किया गया है। उन्होंने मांग की कि आय की गणना में पेंशन को शामिल न किया जाए।
वहीं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने व्यावहारिक पक्ष को ध्यान में रखते हुए यह प्रावधान किया था कि यदि कोई कर्मचारी रिटायरमेंट से एक दिन पहले भी निधन हो जाए, तो उसके परिवार के पात्र सदस्य को नौकरी दी जाए। उन्होंने सरकार से पूछा कि अभी कौन-सी नीति अपनाई जा रही है।
इसके जवाब में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार भी वही नीति अपना रही है, जो पूर्ववर्ती सरकार ने बनाई थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि करूणामूलक आधार पर नियुक्तियों की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और सरकार पात्र व्यक्तियों को जल्द रोजगार देगी।
उन्होंने यह भी बताया कि सरकारी विभागों को अपने स्तर पर कुल स्वीकृत पदों में से पांच प्रतिशत तक नियुक्तियां करने का अधिकार है। इसी के तहत पात्र व्यक्तियों को उन्हीं पदों पर नियुक्त किया जाएगा जो रिक्त हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा