हरियाणा के सरकारी स्कूलों में घट रही विद्यार्थियों की संख्या, शिक्षकों की है कमी

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विधानसभा में इनेलो व कांग्रेस ने पेश किया ध्यानाकर्षण प्रस्तावचंडीगढ़, 26 मार्च (हि.स.)। हरियाणा के राजकीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी और घटती विद्यार्थियों की संख्या के साथ प्राइवेट स्कूलों की मनमानी का मुद्दा सदन में गूंजा। विपक्ष ने राजकीय स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कमी के मुद्दे पर सरकार को घेरा और आरोप लगाए कि राजकीय स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कमी के चलते गरीब लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने पर मजबूर हो रहे हैं। वहीं, शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने जवाब दिया कि राजकीय स्कूलों में बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा रहा है और चिराग योजना के तहत गरीब परिवारों के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में निशुल्क पढ़ाया जा रहा है। निपुण कार्यक्रम की विदेशों तक धूम है, अफ्रीका सहित 18 देश निपुण कार्यक्रम को जानने पहुंच हैं।

बुधवार को कांग्रेस ने राजकीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी के साथ बुनियादी सुविधाओं, जिनमें पीने के पानी व शौचालय की कमियों बारे ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर सरकार से जवाब मांगा। वहीं इनेलो ने चिराग योजना के तहत गरीब परिवारों के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में निःशुल्क दाखिले की मनमानी का मुद्दा उठाया।

कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने नायब सरकार को घेरते हुए मुद्दा उठाया कि सरकार राजकीय स्कूलों में बदलाव के बड़े-बड़े दावे कर रही है, लेकिन 2024 की वार्षिकी रिपोर्ट में हरियाणा के बच्चे पढ़ाई में पड़ोसी राज्य पंजाब व हिमाचल से भी पीछे हैं। इसके साथ ही 1100 स्कूलों में शिक्षक व विद्यार्थी नहीं हैं। 71 फीसदी स्कूलों में कंप्यूटर नहीं हैं। 16 फीसदी वर्किंग नहीं हैं। मूलभूत सुविधाओं का बुरा हाल है, 20 फीसदी स्कूलों में शौचालय नहीं है, 3 फीसदी में लड़कियों के शौचालयों की कमी है। 14 फीसदी स्कूलों में पीने के पानी की कमी है। अरोड़ा ने शिक्षा मंत्री को घेरते हुए जवाब मांगा कि जब मूलभूत सुविधाओं की कमी है तो प्राइवेट स्कूलों को टक्कर कैसे दे पाएंगे। वहीं पिहोवा से कांग्रेस विधायक मनदीप चट्‌ठा और फतेहाबाद विधायक बलवान दौलतपुरिया ने शिक्षकों की कमी, कक्षा-कक्ष और भवनों की जर्जर हालत का मुद्दा उठाया।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्‌डा ने शिक्षकों की कमी के साथ प्राइवेट स्कूलों की मनमानी का मुद्दा उठाया। हुड्‌डा ने आरोप लगाया कि प्राइवेट स्कूल फीस और किताबों में मनमानी कर रही है। सरकार का प्राइवेट स्कूलों पर कोई कंट्रोल नहीं है। जिस किताब की कीमत 50 रुपये है, उसे प्राइवेट स्कूल संचालक 150 रुपये में बेच रहे हैं और मनमर्जी की फीस वसूल रहे हैं। हुड्‌डा ने आरोप लगाया कि सरकार की गलत नीतियों के चलते गरीब आदमी शिक्षा से दूर हो रहा है, क्योंकि राजकीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी के साथ कोई सुविधा नहीं है। मजबूरी में लोग कर्जा लेकर अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ा रहे हैं।

शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने जवाब दिया कि पीजीटी के कुल 4780 पदों को भरने बारे मांग पत्र 05 जुलाई 2024 को हरियाणा लोक सेवा आयेाग को भेजा गया था। इस मांग पत्र के आधार पर वर्ष 2025 में 1704 पदों की सिफारिशें विभाग को प्रापत हो चुकी हैं तथा नियुक्ति पत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके साथ ही पीजीटी पदोन्नति कोटे के 4550 रिक्त पदों को भरने बारे पदोन्नति मामले आमंत्रित किए जा चुके हैं। 3427 पदों को एचकेआरएन के माध्यम से भेजा जाएगा। पीआरटी मेवात कैडर के 1456 पदों को भरा जा चुका है और 7110 पद एचकेआरएन के जरिये नियुक्त किए गए हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

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