गुरुग्राम: एसजीटी विवि में हुआ दिव्यांग शक्ति प्रमाण पत्र वितरण समारोह

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गुरुग्राम: एसजीटी विवि में हुआ दिव्यांग शक्ति प्रमाण पत्र वितरण समारोह


गुरुग्राम, 28 मार्च (हि.स.)। एसजीटी विश्वविद्यालय में शुक्रवार को दिव्यांग शक्ति-विशेष बच्चों के लिए खेल प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत प्रमाण पत्र वितरण समारोह का आयोजन किया गया। यह पहल कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय द्वारा संकल्प योजना के अंतर्गत चलाई जा रही है। इसे स्पोट्र्स, फिजिकल एजुकेशन, फिटनेस और लेजर स्किल्स काउंसिल द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।

मंत्रालय की इस पहल पर स्पोट्र्स, फिजिकल एजुकेशन, फिटनेस और लेजर स्किल्स काउंसिल द्वारा यह कार्यक्रम देश के 18 राज्यों में प्रशिक्षकों को सशक्त बनाने और खेल शिक्षा में समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। अब तक इस कार्यक्रम के माध्यम से 33,498 शारीरिक शिक्षा शिक्षक, विशेष शिक्षक, बी.एड और बी.पी.एड छात्र खेल-आधारित कार्यक्रमों को लागू करने के लिए प्रशिक्षित हो चुके हैं। यह परियोजना समावेशी शारीरिक शिक्षा पद्धतियों को अपनाकर बच्चों की शारीरिक और मानसिक भलाई में सुधार लाने का कार्य कर रही है, जिससे वे शैक्षणिक और सामाजिक रूप से बेहतर प्रदर्शन कर सकें। पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा करने के बाद 30 कैंडिडेट्स को सर्टिफिकेट दिया गया है। इस कार्यक्रम में एसजीटी यूनिवर्सिटी की प्रो वाइस चांसलर पूर्णिमा, सलाहकार डॉ. गुलशन खन्ना, डीन डॉ. पूजा और ट्रेनर डॉ. सज्जन पाल समेत एसपीईएफएल-एसएससी की ओर से सीईओ तहसीन जाहिद और जनरल मैनेजर नेहा चौधरी व अन्य कई प्रतिष्ठित गणमान्य लोग मौजूद थे। स्पोट्र्स, फिजिकल एजुकेशन, फिटनेस और लेजर स्किल्स काउंसिल के सीईओ तहसीन जाहिद ने कहा कि यह परियोजना समावेशी संस्कृति को बढ़ावा देती है, जिससे टीम वर्क, निर्णय लेने की क्षमता और आत्मविश्वास विकसित होता है। इसे सरकारी स्कूलों, विशेष शिक्षा संस्थानों और शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेजों में लागू किया गया है, ताकि समावेशी शिक्षा के सर्वोत्तम तरीकों की स्थापना की जा सके।

इस कार्यक्रम में बोलते हुए पूर्णिमा ने कहा कि एसजीटी विश्वविद्यालय में हम समावेशी शिक्षा और कौशल विकास में विश्वास करते हैं। यह कार्यक्रम विकलांग व्यक्तियों को उनके करियर में आगे बढऩे के लिए सही कौशल और अवसर प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। दिव्यांग शक्ति परियोजना के माध्यम से प्रशिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण देकर यह पहल शिक्षा को अधिक समावेशी और सहयोगात्मक बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। इससे विशेष रूप से सक्षम बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा और समाज में आसानी से शामिल होने का अवसर मिलेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर

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