हिसार : मलेरिया व डेंगू से बचाव के लिए जन-जागरूकता अभियान चला रहा स्वास्थ्य विभाग : डॉ. सपना गहलावत

सीएमओ ने अधिकारियों की बैठक लेकर दिए आवश्यक निर्देश
हिसार, 3 अप्रैल (हि.स.)। मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया
जैसी वेक्टर जनित बीमारियों के प्रकोप को रोकने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग ने
व्यापक जन-जागरूकता अभियान की शुरुआत की है। अभियान का उद्देश्य नागरिकों को इन बीमारियों
के कारण, लक्षण, बचाव और रोकथाम के उपायों के प्रति सचेत करना है।
सिविल सर्जन डॉ. सपना गहलावत ने गुरुवार काे बताया कि इस अभियान
के तहत रैपिड फीवर मास सर्वे किया जा रहा हैं, जिससे बुखार से पीड़ित लोगों की शीघ्र
पहचान कर उनकी जांच और उपचार किया जा सके, प्रत्येक सोमवार को प्रवासी मजदूरों पर विशेष
कैंप आयोजित किए जाएंगे। इसके पूर्व के मलेरिया और डेंगू मामलों का फॉलोअप किया जा
रहा है और बुखार के लक्षण पाए जाने पर उनके ब्लड की जांच अनिवार्य रूप से की जा रही
है।
डॉ. सपना गहलावत ने बताया कि इस वर्ष ब्लड स्लाइड
टारगेट जुलाई से अक्टूबर के सीजन में 0.75 और ऑफ-सीजन में 0.5 निर्धारित किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष रूप से प्रवासी मजदूरों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा
है। प्रत्येक सोमवार को भट्ठों, स्लम एरिया, चिनाई लेबर जैसे प्रवासी मजदूरों की बस्तियों
में गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।
उप सिविल सर्जन एवं जिला मलेरिया नोडल अधिकारी
डॉ. सुभाष खतरेजा ने कहा कि बारिश के मौसम में जलभराव की समस्या बढ़ जाती है, जिससे
मच्छरों के पनपने की अनुकूल परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं। यही कारण है कि इस मौसम
में डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। मच्छर जनित बीमारियों
की रोकथाम के लिए नागरिकों को सतर्क रहना आवश्यक है।
डॉ. खतरेजा ने बताया कि डेंगू और मलेरिया दोनों
ही खतरनाक बीमारियां हैं और इनके लक्षणों को नजरअंदाज करना गंभीर परिणाम दे सकता है।
उन्होंने बताया कि डेंगू बुखार में मरीज को तेज बुखार के साथ सिर दर्द, आंखों के पीछे
दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में तेज दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते, उल्टी और कमजोरी महसूस
होती है। डॉ. खतरेजा ने कहा कि मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों
को रोकने के लिए सरकार, प्रशासन और आम जनता को मिलकर प्रयास करना होगा।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर