स्ट्रीट वेंडर्स के लिए वरदान बना वेंडिंग जोन ,अबतक 25 वेंडिंग जोन में 1685 वेंडर्स को किया गया पुनर्वासित
पटना, 03 अप्रैल (हि.स.)।
बिहार सरकार सभी नगर निकायों में वेंडिंग जोन निर्माण की मुहिम चला रही है। इससे स्ट्रीट वेंडर्स को स्थायी और सुरक्षित स्थान मिल रहा है, जिससे उनकी आजीविका सुचारू रूप से चल रही है। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) के तहत राज्य के विभिन्न नगर निकायों में वेंडिंग जोन बनाए जा रहे हैं। अब तक 25 वेंडिंग जोन बन चुके हैं, जिनमें 1685 वेंडर्स को पुनर्वासित किया गया है।
आंकड़ों के मुताबिक पटना नगर निगम में 17, सीतामढ़ी में 3, बिहिया, भागलपुर, मोतिहारी, दरभंगा और बक्सर में 1-1 वेंडिंग जोन बनाए गए हैं। इनमें कुल 1685 वेंडर्स को बसाया गया है, जिसमें पटना में 1023, बिहिया में 65, सीतामढ़ी में 170, भागलपुर में 152, मोतिहारी में 104, दरभंगा में 67 और बक्सर में 104 वेंडर्स को बसाया गया है। नगर विकास एवं आवासन विभाग और नगर निकाय वेंडिंग जोन का निर्माण, सीमांकन और नियमितीकरण कर रहा है।
बिहार सरकार ने द स्ट्रीट वेंडर्स (प्रोटेक्शन ऑफ लाइवलीहुड एंड रेगुलेशन ऑफ स्ट्रीट वेंडिंग) एक्ट, 2014 को लागू किया है। इसके तहत फुटपाथ विक्रेता (जीविका संरक्षण एवं फुटपाथ विक्रय विनियमन) नियमावली, 2017 और स्कीम 2017 को भी लागू किया गया है। इससे स्ट्रीट वेंडर्स को कानूनी मान्यता, सुरक्षा और स्थायी व्यवसाय करने का अवसर मिल रहा है।
शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में स्ट्रीट वेंडिंग एक महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि है, जो हजारों परिवारों की आजीविका का स्रोत है। इसके साथ ही उपभोक्ताओं को किफायती दरों पर कपड़े, खाने-पीने की चीजें, घरेलू सामान और अन्य जरुरी चीजें मिल जाती हैं। सरकार के इस प्रयास से न केवल स्ट्रीट वेंडरों को व्यवस्थित व्यापार करने का अवसर मिल रहा है बल्कि शहरों की सुंदरता भी बढ़ रही है और अनियंत्रित अतिक्रमण पर भी रोक लग रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी