भारतीय सेना का बड़ा कदम : पश्चिम बंगाल में 350 से अधिक मोतियाबिंद सर्जरी, नेपाल के पूर्व सैनिकों को भी मिला लाभ

कोलकाता, 24 मार्च (हि.स.)। भारतीय सेना ने पश्चिम बंगाल के बागडोगरा स्थित 158 बेस अस्पताल में नेत्र चिकित्सा शिविर का सफल आयोजन किया। 20 से 24 मार्च तक चले इस विशेष शिविर में 1,752 भूतपूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों की आंखों की जांच हुई, जबकि 350 से अधिक मोतियाबिंद सर्जरी की गईं। इस पहल के तहत नेपाल के 17 पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों का भी मुफ्त इलाज किया गया।
इस शिविर में आर्मी हॉस्पिटल (रिसर्च एंड रेफरल), नई दिल्ली; बेस हॉस्पिटल, दिल्ली कैंट और कमांड हॉस्पिटल, लखनऊ की विशेषज्ञ चिकित्सा टीम ने योगदान दिया। शिविर के दौरान मरीजों को उच्च-गुणवत्ता वाले लेंसों और आधुनिक उपकरणों का उपयोग कर बेहतरीन नेत्र चिकित्सा सुविधा दी गई। साथ ही 500 से अधिक उच्च-मानक चश्मे भी निःशुल्क वितरित किए गए।
इस शिविर का एक महत्वपूर्ण पहलू नेपाल के पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों का इलाज रहा। इनमें से कुछ को निःशुल्क मोतियाबिंद सर्जरी भी उपलब्ध कराई गई। सेना ने यह सुनिश्चित किया कि इन पूर्व सैनिकों को बिना लंबी यात्रा किए सर्वोत्तम चिकित्सा देखभाल मिल सके।
इस पहल का नेतृत्व आर्मी हॉस्पिटल के नेत्र रोग विभाग प्रमुख और वरिष्ठ नेत्र शल्य चिकित्सक ब्रिगेडियर संजय कुमार मिश्रा ने किया। उन्हें अब तक एक लाख से अधिक मोतियाबिंद, विट्रोरेटिनल, अपवर्तक और ग्लूकोमा सर्जरी करने का श्रेय प्राप्त है। उन्होंने कहा कि यह शिविर पूर्व सैनिकों के लिए विश्व स्तरीय नेत्र चिकित्सा सुविधा उनके दरवाजे तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस शिविर का आयोजन पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के अनुरोध पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी के निर्देशों के तहत किया गया। इसका उद्देश्य पूर्वी भारत के दिग्गज सैनिकों को सर्वोत्तम नेत्र चिकित्सा सेवा प्रदान करना था।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर