यूपी और महाराष्ट्र की मिली-जुली संस्कृति पर आधारित बिठूर महोत्सव का शानदार आगाज


कानपुर, 21 मार्च (हि.स.)। उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की मिली-जुली संस्कृति पर आधारित बिठूर महोत्सव कार्यक्रम का शुक्रवार को रंगारंग शुभारंभ मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना द्वारा फीता काटकर व दीप प्रज्वलन कर किया गया। इसके पश्चात मुख्य अतिथि द्वारा एक जिला एक उत्पाद योजना के अंतर्गत कई जिलों के विभिन्न उत्पादों के लगे स्टॉलों का अवलोकन किया गया। उनके द्वारा 1857 की क्रांति के दौरान मराठाओं व स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा प्रयुक्त किए गए शस्त्रों का भी अवलोकन किया गया। अगले तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम के जरिये समाज और वर्तमान पीढ़ी को अपनी संस्कृति से जोड़ने की कोशिश की जा रही है।
महोत्सव के शुभारंभ की घोषणा करते हुए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि मां गंगा पूरी दुनिया में अपने पौराणिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व होने के कारण जानी जाती है और बिठूर इस पवित्र नदी के किनारे बसा अलौकिक स्थल माना जाता है। बिठूर में अवस्थित ब्रह्म खूटी का ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व जग जाहिर है। बिठूर 1857 की क्रांति में क्रांतिकारियों का मुख्य केंद्र रहा। यहां रानी लक्ष्मीबाई का बाल्य काल बीता और यही उन्होंने शस्त्र विद्या भी ग्रहण की थी। हमारा देश सनातनी है, जो वसुधैव कुटुंबकम के वाक्य का अनुसरण कर निरंतर आगे बढ़ रहा है।
आगे उन्होंने कहा कि प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कानपुर नगर की विशेष चिंता है इसलिए वे आगामी 23 मार्च को बिठूर महोत्सव में सम्मिलित होने के साथ-साथ कानपुर के विकास को लेकर अधिकारियों के साथ गहन मंथन करेंगे और शहर के विकास को आगे बढ़ाने के लिए महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश भी देंगे। प्रदेश सरकार ने महाकुंभ का भव्य आयोजन कर दिखा दिया कि वर्तमान सरकार धर्म, समर्पण, संस्कार, बंधुत्व और बेहतर प्रबंधन को लेकर काफी गंभीर है। महाकुंभ की तरह गंगा के किनारे बसा बिठूर भी अपने आध्यात्मिक ऐतिहासिक सांस्कृतिक पहचान के लिए विश्व में जाना जाता है।
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महोत्सव में सर्वप्रथम स्कूल के छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम जिसमें नृत्य, रंगोली, स्लोगन कला प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इसके उपरांत कानपुर कथक कला केंद्र द्वारा गणेश वंदना व गंगा अवतरण से सम्बंधित कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। प्रिंस डांस ग्रुप द्वारा भगवान कृष्ण व भारतीय तिरंगा से सम्बंधित भाव प्रस्तुति की गई। रमाक्षीर सागर पुणे द्वारा गोदावरी से गंगा जमुना तक पर आधारित लोकगीत प्रस्तुत किया गया और विनोद कुमार द्विवेदी एवं आयुष द्विवेदी द्वारा ध्रुपद गायन किया गया। वहीं शाम होते-होते भजन संध्या कार्यक्रम में गायक अनूप जलोटा के भजनों से माहौल भक्तिमय हो गया।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप