पूर्ववर्ती सरकारों के कारण नहीं बढ़ा सीमावर्ती क्षेत्र में पर्यटन : शेखावत

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पूर्ववर्ती सरकारों के कारण नहीं बढ़ा सीमावर्ती क्षेत्र में पर्यटन : शेखावत


पूर्ववर्ती सरकारों के कारण नहीं बढ़ा सीमावर्ती क्षेत्र में पर्यटन : शेखावत


पूर्ववर्ती सरकारों के कारण नहीं बढ़ा सीमावर्ती क्षेत्र में पर्यटन : शेखावत


पूर्ववर्ती सरकारों के कारण नहीं बढ़ा सीमावर्ती क्षेत्र में पर्यटन : शेखावत


जैसलमेर, 23 मार्च (हि.स.)। सीमावर्ती क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों के नहीं बढ़ने को लेकर केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार बताया। शेखावत ने कहा कि पहले की सरकारों की यह सोच हुआ करती थी कि सीमावर्ती क्षेत्र प्रतिबंधित रहें। वहां लोगों का आवागमन न हो, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच यह है कि सीमावर्ती गांव हमारा आखिरी नहीं पहला गांव है। जब से उसको पहला गांव कहकर संबोधित करना शुरू किया है, उसी तरह से विकसित करना शुरू किया, उसका प्रभाव अब दिखाई देने लगा है।

जैसलमेर दौरे के तहत मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में सीमावर्ती क्षेत्र में पर्यटन की संभावनाओं से जुड़े सवाल पर केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सीमावर्ती क्षेत्र पर पर्यटन बढ़े, इसको लेकर निर्देश दिए हैं। हमने सेना और सीपीएफ के साथ इसको लेकर चर्चा की है। उन्होंने कहा कि अभी भारत सरकार के सहयोग से तनोट में जिस तरह से हम विकास कर रहे हैं। तनोट जाने वाले सभी दर्शनार्थी सीमावर्ती चौकी बबलियान वाला पर जाकर सीमा दर्शन कर सकें, इसकी एक योजना बीएसएफ के साथ मिलकर बनाई है। उन्होंने कहा कि आगे और भी सीमावर्ती क्षेत्रों में बंदिशों को हल्का कर पर्यटन गतिविधियां बढ़ें, उस दिशा में कार्य हो रहे हैं।

शेखावत ने कहा कि मैं यह मानता हूं कि जितनी ज्यादा गतिविधियां, जितना ज्यादा जनसंख्या का घनत्व सीमावर्ती क्षेत्र में रहेगा, उतनी सीमाएं सुरक्षित रहेंगी, क्योंकि इतिहास साक्षी है कि जिस देश के सीमावर्ती क्षेत्र से लोगों ने पलायन किया है, उसकी सीमाएं कमजोर हुई हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगातार दो दशक तक सीमावर्ती क्षेत्र में इन सब विषयों को लेकर काम करने का सौभाग्य मिला है। मैं मानता हूं कि सीमावर्ती क्षेत्र और हमारे पश्चिम राजस्थान का सीमावर्ती क्षेत्र जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, गंगानगर, इनकी सभी सीमावर्ती तहसीलों में अपार संभावनाएं हैं। यहां सुविधाएं बढ़ें और यहां का नागरिक, जो स्वाभाविक रूप से देशभक्त नागरिक है, वो नागरिक राष्ट्रीय रक्त की इस द्वितीय रक्षा पंक्ति के रूप में जो उनकी जिम्मेदारी है, उसको समझते हुए आचरण और व्यवहार करे।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अभी हाल में राजस्थान की उप मुख्यमंत्री व पर्यटन मंत्री दिया कुमारी के साथ बैठक हुई। बढ़े स्तर पर हम जैसलमेर और पश्चिमी राजस्थान में पर्यटन को बढ़ावा दे सकें, उसको लेकर चर्चा की। राजस्थान सरकार को निर्देश दिए हैं कि वो एक बार प्रस्ताव बनाकर भारत सरकार को दें, ताकि हम आइकॉनिक डेस्टिनेशन डेवलपमेंट की स्कीम में जैसलमेर को सम्मिलित कर पर्यटन संभावनाओं को विकसित करने के लिए काम कर सकें।

जिले में परिसीमन के सवाल पर शेखावत ने कहा कि मुझे लगता है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में यह अनवरत चलने वाली प्रक्रिया है। बढ़ती हुई आबादी, बदलते हुए स्वरूप, बढ़ते हुए शहरीकरण, इनके चलते हुए इस तरह की प्रक्रिया सामान्य तौर पर होती है, लेकिन गत सरकार के समय जिस तरह से राजनीतिक उद्देश्यों और स्वार्थों की पूर्ति के लिए पंचायतों को पंचायती राज व्यवस्था में और स्थानीय निकाय में नगर पालिका के वार्डों को तोड़ा-मरोड़ा गया था। अपने राजनीतिक हित के अनुरूप जिस तरह से इन सबका डीलिमिटेशन करके जिस तरह से बनाया गया था, एक बार वापस दुरस्त हों, चीजें एकदम पारदर्शी तरीके से बनें और उसके साथ-साथ में वन स्टेट-वन इलेक्शन, वन नेशन-वन इलेक्शन की, जो प्रधानमंत्री जी की परिकल्पना के अनुरूप, एक साथ हम सब चुनाव करा पाएं, इस दृष्टिकोण से एक बार में यह डीलिमिटेशन किया जा रहा है।

शेखावत ने कहा कि मैं मानता हूं कि डीलिमिटेशन की इस प्रक्रिया के बाद में जहां एक तरफ नए राजस्व गांवों का निर्माण होगा, नई पंचायतों का निर्माण होगा, क्योंकि राजस्व गांव और पंचायत, ये दोनों लोकतांत्रिक व्यवस्था में महात्मा गांधी जी द्वारा प्रस्तावित इस थ्री टियर गवर्निंग सिस्टम में, विकास की एक धुरी है, विकास की एक नाभी है, उसका केंद्र है, निश्चित ही नए राजस्व गांव बनेंगे, नई पंचायतें बनेगी तो उसके चलते हुए क्षेत्र का विकास और अधिक बेहतर तरीके से हो सकता।

इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री शेखावत का जैसलमेर एयरपोर्ट और जैसलमेर सर्किट हाउस में भाजपा कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत-अभिनंदन किया। उन्होंने सर्किट हाऊस में बड़ी संख्या में उपस्थित गणमान्य लोगों से मुलाकात की। अपने स्नेहिल स्वागत-अभिनंदन के लिए सभी का आभार जताया। शेखावत ने वयोवृद्ध समाजसेवी सीमा जन कल्याण समिति से जुड़े मुरलीधर खत्री से उनके निवास पर जाकर मुलाकात की।

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने सर्किट हाउस में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के अधिकारियों के साथ सोनार किला की व्यवस्थाओं को लेकर अहम चर्चा की। उन्होंने कहा कि मुख्य विषय किले के द्वितीय द्वार को खोलने और पर्यटकों की आवाजाही को बेहतर बनाने पर केंद्रित था। बैठक में किले की ऐतिहासिक संरचना को सुरक्षित रखते हुए सुविधाओं के विस्तार और भीड़ प्रबंधन पर विचार किया गया, जिससे पर्यटकों को अधिक सुगम अनुभव मिल सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / चन्द्रशेखर

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