मप्रः जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री काे लिखा पत्र, कांग्रेस विधायकों को सरकारी फंड देने में भेदभाव का लगाया आराेप

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मप्रः जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री काे लिखा पत्र, कांग्रेस विधायकों को सरकारी फंड देने में भेदभाव का लगाया आराेप


भोपाल, 21 मार्च (हि.स.)। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री डाॅ माेहन यादव काे पत्र लिखा है। अपने पत्र में जीतू पटवारी ने मप्र सरकार पर पक्षपाती राजनीति करने और कांग्रेस विधायकाें को दिए जाने वाले सरकारी फंड में भेदभाव का आराेप लगाया है। शुक्रवार काे लिखे अपने पत्र में जीतू पटवारी ने लिखा है कि मुझे यह पत्र लिखते हुए अत्यंत खेद और चिंता हो रही है कि आपकी सरकार द्वारा प्रदेश में विकास निधि के आवंटन को लेकर गंभीर भेदभाव किया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी के विधायकों को विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए 15 करोड़ रुपये की निधि प्रदान की जा रही है, जबकि कांग्रेस पार्टी के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के क्षेत्रों को इस विकास निधि से वंचित रखा जा रहा है। यह न केवल जनप्रतिनिधियों के साथ अन्याय है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मर्यादाओं का भी खुला उल्लंघन है।

जीतू ने अपने पत्र में आगे कहा कि आपने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते समय निष्पक्ष और समान भाव से सभी नागरिकों की सेवा करने का वचन दिया था, लेकिन वर्तमान परिदृश्य यह दर्शाता है कि सरकार पक्षपातपूर्ण संकीर्ण राजनीति कर रही है। कांग्रेस विधायकों के क्षेत्र में जनता भी निवास करती है, जो करदाता हैं और जिन्हें समान रूप से सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों का लाभ मिलना चाहिए। यदि एक लोकतांत्रिक सरकार ही अपने दायित्वों का निर्वहन भेदभाव के आधार पर करने लगे, तो इससे जनता का विश्वास प्रणाली से उठ जाएगा।

30-40% हिस्सा भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी में जाता है

इसके साथ ही, पीसीसी चीफ ने यह भी गंभीर आरोप हैं कि भाजपा के विधायकों को मिलने वाली इस निधि का 30-40% हिस्सा पहले ही भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी में चला जाता है। इसके बाद भी नौकरशाही और ठेकेदारी के स्तर पर व्यापक भ्रष्टाचार और कमीशन का बोलबाला है, जिससे जनता के विकास के नाम पर स्वीकृत धन का बहुत कम अंश वास्तविक कार्यों में लगता है। यदि मोटे तौर पर अनुमान लगाया जाए तो एक लाख रुपए में से करीब 65 से 70 हजार रुपया भ्रष्टाचार और कमीशन में चला जाता है और केवल 30-35% राशि विकास के नाम पर खर्च होती है! यह बेहद चिंताजनक और निंदनीय स्थिति है, जिससे मध्यप्रदेश की छवि देश के सबसे भ्रष्ट राज्य के रूप में बन रही है।

पटवारी ने की तीन मांग

01. सभी विधायकों को, चाहे वे किसी भी दल से हों, समान रूप से 15 करोड़ रुपये की विकास निधि प्रदान की जाए।

02. निधि के आवंटन और व्यय की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए, ताकि भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी पर रोक लगाई जा सके।

03. जिन अधिकारियों और ठेकेदारों पर कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार के आरोप हैं, उनकी निष्पक्ष जांच कर कठोर कार्रवाई की जाए।

सभी विधायकों को समान अवसर और अधिकार दिए जाएंजीतू पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश की जनता ने अपने विधायकों को उनके क्षेत्र के विकास के लिए चुना है, न कि भेदभाव और भ्रष्टाचार झेलने के लिए। यदि आपकी सरकार वास्तव में सबका साथ, सबका विकास की नीति में विश्वास रखती है, तो इस अन्यायपूर्ण नीति को तुरंत समाप्त किया जाए और सभी विधायकों को समान अवसर और अधिकार दिए जाएं। आशा है कि आप मध्य प्रदेश की खराब होती छवि को लेकर गंभीरता से विचार करेंगे और जनहित में अपनी संकीर्ण सोच और मानसिकता से मुक्त होकर मुख्यमंत्री के मूल कर्तव्य का निर्वहन करेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / नेहा पांडे

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