किश्तवाड़ में गाय का रैस्क्यु करने में भाईचारे और मानवता की मिसाल हुई कायम
जम्मू,, 23 मार्च (हि.स.)। किश्तवाड़ में आज मानवता, प्रेम, शांति और भाईचारे की एक अनूठी मिसाल देखने को मिली जब बुनस्तान निवासी मोहम्मद अली शेख की गाय बिजली के खंभे और ट्रांसफार्मर लगाने के लिए खोदे गए गडडे में गिर गई। जैसे ही स्थानीय लोगों को इस घटना की जानकारी मिली वे तुरंत मौके पर पहुंचे और गाय को बचाने के प्रयास शुरू कर दिए।
मुश्किल हालात के बावजूद उन्होंने गाय की स्थिति को समायोजित किया ताकि वह सुरक्षित रह सके और जल्द से जल्द रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा सके। कुछ ही देर में रेड क्रॉस किश्तवाड़, जेके एसडीआरएफ, किश्तवाड़ पुलिस, बुनस्तान के स्थानीय लोग और सनातन धर्म सभा के जिला अध्यक्ष सहित कई लोग मौके पर पहुंचे। जिला प्रशासन ने भी तत्परता दिखाते हुए विद्युत विकास विभाग और नगर समिति किश्तवाड़ के अधिकारियों को राहत कार्य में लगाया। दो जेसीबी मशीनों को सेवा में लगाया गया और हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मिलकर इस बचाव कार्य को सफल बनाने के लिए हाथ बढ़ाया। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान साम्प्रदायिक सौहार्द्र का एक प्रेरणादायक दृश्य भी देखने को मिला।
इफ्तार का समय होने पर मुस्लिम बचाव दल के सदस्यों को रोज़ा खोलना था। इसे देखकर हिंदू समुदाय के लोगों और बुनस्तान के निवासियों ने तुरंत खजूर और पानी की व्यवस्था की जिससे रोज़ेदार बिना अपने मानवीय कार्य को रोके इफ्तार कर सके। इफ्तार के बाद एक घंटे की कड़ी मेहनत के बाद गाय को सुरक्षित निकाल लिया गया। गाय के मालिक मोहम्मद अली शेख ने इस मानवीय कार्य में शामिल सभी लोगों का दिल से शुक्रिया अदा किया। सनातन धर्म सभा के अध्यक्ष ने इस अवसर पर बचाव कार्य में शामिल रेड क्रॉस, जिला प्रशासन, पुलिस, और विशेष रूप से स्थानीय लोगों की सराहना की। उन्होंने इस घटना को भाईचारे और इंसानियत की एक बेहतरीन मिसाल बताया, जहां धर्म और जाति से ऊपर उठकर सभी ने मिलकर करुणा और मानवता का परिचय दिया। अंत में उन्होंने जिला प्रशासन से अनुरोध किया कि भविष्य में ऐसे निर्माण कार्यों के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए जाएं ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
यह बचाव अभियान सिर्फ एक गाय की जान बचाने तक सीमित नहीं था बल्कि यह किश्तवाड़ में आपसी प्रेम, सम्मान और अटूट एकता का जीवंत प्रमाण था।
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हिन्दुस्थान समाचार / अश्वनी गुप्ता