कैबिनेट : शासकीय सेवकों को देय विभिन्न भत्तों के पुनरीक्षण का लिया गया निर्णय

- छतरपुर में माता बम्बरबैनी प्राचीन मंदिर स्थल पवित्र क्षेत्र घोषित
भोपाल, 1 अप्रैल (हि.स.) । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में सम्पन्न हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा राज्य शासन के शासकीय सेवकों को वर्तमान में देय विभिन्न भत्तों का पुनरीक्षण की स्वीकृति दी गई। साथ ही छतरपुर में माता बम्बरबैनी प्राचीन मंदिर स्थल पवित्र क्षेत्र घोषित किया गया।
बैठक में बताया गया कि शासकीय सेवकों को वर्तमान में देय विभिन्न भत्तों के पुनरीक्षण के फलस्वरूप राज्य शासन पर अतिरिक्त वार्षिक व्ययभार लगभग 1500 करोड़ रुपये आयेगा। शासकीय सेवकों के लिये सातवें वेतनमान में देय मूल वेतन के आधार पर ए श्रेणी के नगरों के लिए 10 प्रतिशत, बी श्रेणी के नगरों के लिए 7 प्रतिशत, सी एवं डी श्रेणी के नगरों के लिए 5 प्रतिशत के आधार पर गृह भाडा भत्ता प्रदान किया जायेगा।
दैनिक भत्ता, वाहन भत्ता, मील भत्ता, ठहरने की पात्रता, प्रदेश के बाहर यात्रा के दौरान स्थानीय परिवहन, स्थानांतरण पर घरेलू समान का परिवहन एवं स्थानांतरण अनुदान, स्थायी यात्रा भत्ता में मूल्य सूचकांक के आधार पर वृद्धि, की जायेगी। इसके साथ ही अतिरिक्त कार्य के लिए दोहरा भत्ता, राज्य शासन के पात्र चिकित्सकों और चिकित्सा शिक्षकों को दिये जाने वाला अव्यवसायिक भत्ता, सचिवालयीन भत्ता एवं मंत्रालयीन अधिकारियों के लिए विशेष भत्ता की स्वीकृति दी गयी है। इसके साथ ही शासकीय सेवकों की मृत्यु पर परिवार को देय अनुग्रह अनुदान वर्तमान में निर्धारित पात्रता का 2.57 गुणक के आधार पर अधिकतम 1 लाख 25 हजार रूपये तक दिया जाएगा।
इसके अलावा मंत्रालय भवन में संचालित वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली संचालनालय एवं राज्य सत्कार अधिकारी कार्यालय में पदस्थ शासकीय सेवकों को भी मंत्रालय के समकक्ष अधिकारियों के समतुल्य मंत्रालय भत्ता दिया जायेगा।
वहीं, मंत्रि-परिषद द्वारा छतरपुर जिले के ग्राम लवकुशनगर में माता बम्बरबैनी प्राचीन स्थल मंदिर खसरा नं. 2157 रकवा 0.012 हेक्टेयर एवं खसरा नं 2158 रकवा 30.375 हेक्टेयर पहाड़ क्षेत्र को पवित्र क्षेत्र घोषित करने का निर्णय लिया गया।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी