ग्वालियर किले में जैन तीर्थंकरों का अपमान, प्रतिमाओं पर जूते पहनकर बनाई रील

- अभद्र भाषा का किया इस्तेमाल
ग्वालियर, 5 अप्रैल (हि.स.)। ग्वालियर किले में जैन तीर्थंकर की प्रतिमाओं पर बैठकर अभद्र भाषा उपयोग करते हुए रील बनाने का मामला सामने आया है। रील में एक महिला ग्वालियर किला पर जैन तीर्थंकर की प्रतिमाओं के सामने खड़ी होकर अभद्रता भाषा का उपयोग कर रही है। रील बनाने के दौरान महिला और उसके मौजूद लोग जूते-चप्पल पहनकर प्रतिमाओं के ऊपर बैठे और वीडियो में अभद्र भाषा का भी उपयोग किया। मामले में अखिल भारतीय श्री दिगंबर जैन बरैया महासभा ने शनिवार शाम को ग्वालियर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह को ज्ञापन सौंपकर महिला और उसके साथियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
जानकारी के अनुसार, ग्वालियर किला तलहटी में प्राचीन जैन तीर्थंकर प्रतिमाएं हैं, जहां शिवपुरी के नरवर की रहने वाली प्रीति कुशवाह नाम की महिला ने अपने साथियों के साथ रील बनाकर जैन तीर्थंकर प्रतिमाओं को अपशब्द कहे। उसने कहा कि आप सबने प्लास्टिक और लकड़ी के पुतले देखे होंगे ये पत्थर का पुतला है। महिला का वीडियो सामने आने के बाद जैन समाज आक्रोश में है। समाज के लोगों ने एसएसपी ग्वालियर धर्मवीर सिंह को ज्ञापन सौंप कर रील बनाने वाली महिला और उसके साथियों पर एफआईआर दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी की मांग की है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है, जो तथ्य सामने आएंगे कार्रवाई की जाएगी।
एएसपी (शहर) कृष्ण लालचंदानी ने कहा कि सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ है, जिस पर जैन समाज ने शिकायत की है। शिकायत को संज्ञान में लिया गया है। जिन लोगों ने यह वीडियो प्रसारित किया है, उनके बयान लिए जाएंगे। यदि यह प्रमाणित होता है कि उन्होंने वीडियो शेयर किया है तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।
घटना को लेकर मुनि विलोक सागर महाराज ने कहा कि जिसने भी इस तरह की हरकत की है, वह गलत है क्योंकि यह आस्था का विषय है। दिगंबर जैन प्रतिमाएं हमारे पूर्वजों की धरोहर हैं। यदि किसी कारण से वे खंडित हो गई हैं, तो भी उनका अपमान नहीं किया जाना चाहिए। लोगों को चाहिए कि वे समझदारी और आस्था का परिचय दें। जो ऐसा करते हैं, उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए। अगर आप किसी की आस्था का सम्मान नहीं कर सकते, तो ठेस पहुंचाने का भी हक नहीं है।
शिवपुरी जिले की प्रीति कुशवाह के जैन प्रतिमा के सामने विवादित रील बनाने को लेकर जैन समाज ने प्रदर्शन किया। उन्होंने नायब तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने आरोपी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है। समाज ने इसे धार्मिक आस्था पर हमला बताया है। साथ ही पुरातत्व विभाग की लापरवाही को भी इस घटना का कारण माना है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर