प्रतिबंधित दवा बेचने वाले दो मेडिकल संचालक गए जेल

दुमका, 21 मार्च (हि.स.)। नशा के खिलाफ दुमका जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधित कफ सिरफ और टैबलेट बेचने वाले कई मेडिकल हॉल में छापेमारी करते हुए हुए भारी मात्रा में प्रतिबंधित दवा जब्त करते हुए दो मेडिकल संचालक को गिरफ्तार किया है। दोनों को शुक्रवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। गिरफ्तार मेडिकल संचालक सना मेडिकल के मो रिजाउल अली और संध्या मेडिकल के सुप्रियानाथ मजूमदार शामिल हैं।
पुलिस एनडीपीएस एक्ट 8 सी एवं 21 सी के तहत प्राथमिकी दर्ज करते हुए आरोपितों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा है।
बताया गया कि गुप्त सूचना के आधार पर एसडीओ कौशल कुमार के नेतृत्व में गठित टीम ने शहर के दुधानी चौक के समीप तीन मेडिकल हॉल में औचक छापेमारी की। छापेमारी ज्योति मेडिकल हॉल, संध्या मेडिकल हॉल और सना मेडिकल हॉल में हुई। तीनों मेडिकल हॉल से काफी मात्रा में प्रतिबंधित कफ सिरप और टैबलेट बरामद किया गया। टीम द्वारा प्रतिबंधित कफ सिरप और टैबलेट जप्त करने के बाद तीनों मेडिकल हॉल को सील कर दिया। इसके बाद निशा मेडिकल में प्रतिबंधित अवैध दवा तो नहीं मिला। लेकिन मेडिकल हॉल परिसर में अवैध तरीके से क्लीनिक का संचालन किया जा रहा था।
एसडीओ कौशल कुमार ने सिविल सर्जन डॉ बच्चा प्रसाद को मौके पर बुलाकर मामले की जांच करने को कहा। मौके पर पहुंचे सिविल सर्जन ने कहा कि बगैर निबंधन के क्लीनिक का संचालन अवैध है। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी इसकी जानकारी मिली थी लेकिन जब उस वक्त क्लीनिक के संचालक डॉक्टर एम हक से पूछा गया तो उन्होंने कहा की आरएमपी का सर्टिफिकेट है और उसके अनुरूप मलहम पट्टी लगाने का ही काम करते हैं। लेकिन आज यहां पहुंचने पर नजारा कुछ और ही देखने को मिला। यहां नहीं केवल क्लिनिक बल्कि परिसर में जांच घर का भी संचालन किया जा रहा है। उन्होंने इस मामले में क्लीनिक संचालक पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। क्लीनिक संचालक डॉक्टर एम हक को हिरासत में लिया गया। हालांकि थाना से बॉंड लिखवा डॉक्टर को छोड़ दिया गया है। जिला प्रशासन की इस कार्रवाई से नशा के अवैध कारोबार करने वालों में हड़कंप मच गया है।
इस बाबत एसडीओ कौशल कुमार ने बताया था कि लगातार शिकायत मिल रही थी कि बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित दवा की बिक्री हो रही है। शिकायत के आलोक में एसडीपीओ सदर विजय कुमार महतो, असिस्टेंट डायरेक्टर ड्रग उत्कल मनी द्वारा संयुक्त रूप से छापेमारी की गई। कोडिन मिश्रित कफ सिरप और अल्प्राजोलम नमक टैबलेट बरामद हुआ है। यह दवाई बगैर डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के नहीं देना है। इसके बावजूद शिकायत थी कि मेडिकल हॉल से प्रतिबंधित दवा की बिक्री बगैर डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के की जा रही है। इसका इस्तेमाल युवा पीढ़ी नशे के रूप में करते हैं। उन्होंने कहा कि इसका मकसद नशा के आदी हो चुके युवाओं को एक बार फिर से मुख्य धारा में लाना है।
असिस्टेंट डायरेक्टर ड्रग उत्कल मणि ने कहा कि कोई भी दवा मेडिकल हॉल से बगैर डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के नहीं देना है। लेकिन यहां तो प्रतिबंधित दवा की भी धड़ल्ले से बिक्री हो रही थी। उन्होंने बताया कि प्रावधान के अनुरूप हॉलसेल दुकानदार रिटेलर को दवा उपलब्ध कराएंगे। वही रिटेलर मरीज को दवा तभी देंगे जब डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन साथ हो। उन्होंने कहा कि कोडिंग मिश्रित कफ सिरप और अल्प्राजोलम टेबलेट का इस्तेमाल नशा के रूप में किया जाने लगा है। यह ऐसा नशा है जिसका आदी बहुत जल्द लोग हो जाते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / नीरज कुमार