एसएमवीडीयू ने उन्नत सामग्रियों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की सह-मेजबानी की

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एसएमवीडीयू ने उन्नत सामग्रियों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की सह-मेजबानी की


जम्मू, 7 अप्रैल (हि.स.)। श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय (एसएमवीडीयू) में मैकेनिकल इंजीनियरिंग स्कूल (एसएमई) ने संधारणीयता के लिए ऊर्जा, दक्षता, अर्थव्यवस्था विषय के अंतर्गत संधारणीय भविष्य के लिए उन्नत सामग्रियों पर प्रतिष्ठित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीएएमएसएफ-2025) की सह-मेजबानी की। चंडीगढ़ स्थित चितकारा विश्वविद्यालय के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में संधारणीय प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध वैश्विक शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों की प्रभावशाली लाइनअप को एक साथ लाया गया।

आईसीएएमएसएफ-2025 में दुनिया भर के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों ने भाग लिया, जिनमें बोर्नमाउथ विश्वविद्यालय (यूके), योनसेई विश्वविद्यालय (दक्षिण कोरिया), एशियाई प्रौद्योगिकी संस्थान (थाईलैंड), लुलेआ प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (स्वीडन), नेपल्स विश्वविद्यालय (इटली) और लजुब्लजाना विश्वविद्यालय (स्लोवेनिया) शामिल हैं। पीईसी चंडीगढ़, वीएनआईटी नागपुर और एनआईटी नागालैंड जैसे प्रमुख भारतीय संस्थानों ने भी इस आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सम्मेलन का समन्वय डॉ. मीर इरफान उल हक (एसोसिएट प्रोफेसर, एसएमई), डॉ. अंकुश रैना (सहायक प्रोफेसर, एसएमई) और डॉ. संजय मोहन (एसोसिएट प्रोफेसर, एसएमई) ने किया और यह भौतिक विज्ञान में ज्ञान और नवाचार के आदान-प्रदान के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य किया।

39 तकनीकी सत्रों में सम्मेलन ने 343 प्रतिभागियों को आकर्षित किया और 33 प्रतिष्ठित वक्ताओं ने भाग लिया जिन्होंने पर्यावरण उपचार के लिए सामग्री संश्लेषण, ऊर्जा भंडारण और रूपांतरण, उद्योग 4.0/5.0 के लिए उन्नत विनिर्माण, चरम कार्यात्मकताओं के लिए सामग्री और इंजीनियरिंग ट्राइबोलॉजी जैसे विषयों पर अत्याधुनिक शोध प्रस्तुत किए। इस कार्यक्रम को अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एएनआरएफ), वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) सहित अग्रणी अनुसंधान निकायों द्वारा उदारतापूर्वक समर्थन दिया गया था - जो भविष्य के लिए तैयार टिकाऊ प्रौद्योगिकियों को आकार देने में सम्मेलन के महत्व को रेखांकित करता है।

उद्घाटन सत्र के दौरान एसएमवीडीयू के कुलपति प्रो. प्रगति कुमार ने विशेष अतिथि के रूप में इस अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। अपने संबोधन में उन्होंने आयोजकों के प्रयासों की सराहना की और सामग्री विज्ञान और ट्राइबोलॉजी में अत्याधुनिक अनुसंधान के केंद्र के रूप में एसएमवीडीयू की बढ़ती क्षमता पर प्रकाश डाला। मैकेनिकल इंजीनियरिंग स्कूल के प्रमुख डॉ. यथेष्ठ आनंद ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह की पहल एसएमवीडीयू को तकनीकी नवाचार में सबसे आगे रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा

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