सांसद कंगना पर विक्रमादित्य का निशाना, दिशा बैठक में नहीं आने पर उठाए सवाल

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सांसद कंगना पर विक्रमादित्य का निशाना, दिशा बैठक में नहीं आने पर उठाए सवाल


सांसद कंगना पर विक्रमादित्य का निशाना, दिशा बैठक में नहीं आने पर उठाए सवाल


शिमला, 03 अप्रैल (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अपनी संसदीय जिम्मेदारियों से लगातार दूर भाग रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कंगना को सांसद बने एक साल से अधिक हो चुका है लेकिन उन्होंने अभी तक अपने अधीन आने वाली दिशा (जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति) की महत्वपूर्ण बैठक भी नहीं ली है।

विक्रमादित्य सिंह ने गुरूवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कंगना रनौत सिर्फ दो बार प्रदेश में नजर आईं, जिनमें से एक बार अपने निजी कैफे के उद्घाटन के मौके पर आई थीं। उन्होंने सांसद को सलाह देते हुए कहा कि कंगना को अपनी ज़िम्मेदारियों को प्राथमिकता देनी चाहिए और जनता के प्रति जवाबदेह बनना चाहिए।

वक्फ बिल पर सरकार को पुनर्विचार की जरूरत

लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने वक्फ संशोधन बिल को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक के सहयोगी दलों ने इस बिल पर सदन में मजबूती से अपना पक्ष रखा है। उन्होंने इस विधेयक में कई विरोधाभासी पहलू होने की बात कही और सरकार से संवैधानिक ढांचे के अनुसार निर्णय लेने की अपील की। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि यह बिल संविधान की मूल भावना के अनुरूप नहीं है, इस पर सरकार को मंथन करना चाहिए।

केंद्र से मदद के मुद्दे पर जयराम ठाकुर पर पलटवार

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के केंद्र से मदद मिलने के दावों पर पलटवार करते हुए विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि जयराम ठाकुर को भूलने की बीमारी हो गई है। उन्होंने याद दिलाया कि हाल ही में विधानसभा के बजट सत्र के दौरान खुद जयराम ठाकुर ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत केंद्र से मिल रही मदद के लिए आभार जताया था।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश में आई आपदा से निपटने के लिए केंद्र से पीडीएनए (पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट) के तहत सहायता मांग रहे हैं लेकिन अभी तक प्रदेश को यह मदद नहीं मिली है।

विक्रमादित्य सिंह ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष को झूठे दावे करने के बजाय प्रदेश की वास्तविक जरूरतों को समझकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाना चाहिए, ताकि हिमाचल को उसका हक मिल सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

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