हिमाचल विधानसभा : कटौती प्रस्ताव पर भाजपा विधायकों ने सरकार को घेरा, नाबार्ड की लिमिट बढ़ाने की मांग

शिमला, 25 मार्च (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को लोक निर्माण विभाग के बजट पर कटौती प्रस्ताव को लेकर चर्चा शुरू हुई। इस दौरान विपक्षी विधायकों ने सड़कों, पुलों और भवन निर्माण से जुड़े कई मुद्दों को उठाया और सरकार को घेरने की कोशिश की।
भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि कांगड़ा से शिमला तक 10,000 करोड़ रुपये की लागत से फोरलेन का कार्य शुरू हो चुका है। इसके अलावा प्रदेश में पांच अन्य फोरलेन प्रोजेक्टों पर 42,000 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से राजधानी शिमला का सफर अधिक सुगम और आरामदायक हो जाएगा। साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) को प्रदेश में सड़क कनेक्टिविटी के लिए महत्वपूर्ण बताया।
लोक निर्माण विभाग का बजट घटाने पर उठे सवाल
विधायक रणधीर शर्मा ने सरकार द्वारा लोक निर्माण विभाग के बजट में की गई कटौती पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि राजनीतिक गुटबाजी का असर विभाग के बजट पर पड़ा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नाबार्ड से पूरे प्रदेश में समान रूप से सड़क निर्माण को मंजूरी नहीं मिल रही है, जिससे विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
विधायक सुखराम चौधरी ने कहा कि उनके क्षेत्र में सड़कों की डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) को यह कहकर वापस किया जा रहा है कि 175 करोड़ रुपये की मंजूरी की सीमा पूरी हो चुकी है। उन्होंने मांग की कि यदि सरकार ने बजट सीमा बढ़ाई है, तो डीपीआर वापस नहीं आनी चाहिए और नई परियोजनाओं को जल्द मंजूरी दी जानी चाहिए।
बीमारों को पालकी में ढोने की नौबत
विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने सड़कों की बदहाल स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि उनके क्षेत्र में कई जगह सड़कें नहीं हैं, जिससे बीमार लोगों को पालकी में उठाकर अस्पताल ले जाना पड़ता है। उन्होंने सरकार से नाबार्ड की सीमा बढ़ाने की मांग की ताकि नई सड़कों के निर्माण को हरी झंडी मिल सके। उन्होंने बताया कि उनके विधानसभा क्षेत्र में 70 सड़कों के लिए बजट आवंटन आवश्यक है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
चर्चा में विधायक विनोद कुमार, आशीष शर्मा, जीतराम कटवाल और दीपराज ने भी अपने-अपने क्षेत्रों की सड़क परियोजनाओं से जुड़ी समस्याएं रखीं।
बजट पर चर्चा जारी रहेगी
इस मुद्दे पर बुधवार को भी चर्चा जारी रहेगी। उसी दिन अगले वित्तीय वर्ष का बजट भी पारित किया जाएगा। विपक्षी विधायकों ने उम्मीद जताई है कि सरकार सड़कों की दशा सुधारने और अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए ठोस कदम उठाएगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा