भगत सिंह शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन

भागलपुर, 23 मार्च (हि.स.)। शहीद दिवस के अवसर पर रविवार को पीस सेंटर परिधि, जनप्रिय, दिशा ग्रामीण विकास मंच द्वारा भगत सिंह शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन शहीद चौक भागलपुर पर किया गया।
संचालन करते हुए उदय ने कहा कि जो लोग आजादी आंदोलन के विरोधी थे वे भी आज भगत सिंह को याद कर रहे हैं। भगत सिंह को याद करते हुए हमें यह सोचना चाहिए कि भगत सिंह ने शहादत की परंपरा में विश्वास किया और उनके शहादत का यह संदेश है कि उपनिवेशवाद के खिलाफ लड़े बिना हम समाजवादी और सर्वधर्म समभाव वाला समाज नहीं बना सकते हैं। एक तरफ भगत सिंह थे जिसने अपनी जान बचाने के लिए अंग्रेजों से माफी नहीं मांगी और दूसरी तरफ वह है जिन्होंने अंग्रेजों से बार-बार माफ़ी मांगी और उनसे पेंशन लिया।
मनोज मिता ने कहा कि जब भगत सिंह से पूछा गया था कि साम्राज्यवाद और सांप्रदायिकता में से आप क्या चाहेंगे तो उन्होंने कहा था साम्राज्यवाद। इसका मतलब वे संप्रदायवाद, राष्ट्रवाद के लिए सबसे बड़ा खतरा मानते थे जो आज भी बना हुआ है। पूर्व कुलपति डॉक्टर मनोज कुमार ने कहा कि गांधी और भगत सिंह के उद्देश्य में कहीं भिन्नता नहीं थी केवल साधन मैं भिन्नता थी। इसलिए गांधी जी ने कभी भगत सिंह के खिलाफ अनशन या आंदोलन नहीं किया था और ना तो भगत सिंह ने कभी गांधी जी का विरोध किया।
डॉ योगेंद्र ने कहा भगत सिंह ने ज्ञान हासिल किया, समाजवाद को पढ़ा, देश को पढ़ा, नास्तिकता और आस्तिकता में फर्क समझा। आज देश के सामने खतरा बहुत बड़ा है। समाजवाद को ख़त्म किया जा रहा है। इस अवसर पर मनोज मीता, उदय, राहुल, डॉ योगेंद्र, डॉ मनोज, गौतम कुमार, रविंद्र कुमार सिंह, एकराम हुसैन साद, अर्जुन शर्मा, सुभाष, प्रसाद, गणेश दत्ता, उज्जवल कुमार घोष आदि मौजूद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर