एनएसयूआई बीएचयू ने हैदराबाद में वनों की कटाई का किया विरोध, तत्काल कार्रवाई की मांग

वाराणसी। एनएसयूआई बीएचयू इकाई ने हैदराबाद में हो रही वनों की कटाई की कड़ी निंदा की है और इस विनाशकारी गतिविधि को तुरंत रोकने की मांग की है। संगठन ने उन छात्रों, शिक्षकों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं के साथ एकजुटता व्यक्त की है, जो हरे-भरे जंगलों के संरक्षण के लिए विरोध कर रहे हैं।
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एनएसयूआई बीएचयू इकाई ने अपने शिक्षकों और छात्रों से भी सीख लेने का आग्रह किया। यह याद दिलाते हुए कि जब काशी हिंदू विश्वविद्यालय में हजारों पेड़ काटे गए थे, तब बहुत कम लोगों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई थी। उन्होंने छात्रों से पर्यावरण संरक्षण के प्रति अधिक सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।
हैदराबाद के पास स्थित 400 एकड़ में फैले कांचा गचीबावली जंगल की भूमि सफाई गतिविधियां न केवल स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र के लिए खतरा हैं, बल्कि वन्यजीवों के आवास को भी नष्ट कर रही हैं। एनएसयूआई बीएचयू ने इन गतिविधियों के कारण बढ़ते प्रदूषण, जैव विविधता की हानि और जलवायु परिवर्तन की चिंताओं को उठाया है।
एनएसयूआई की मांगें:
1. वनों की कटाई को तत्काल प्रभाव से रोका जाए।
2. इन गतिविधियों की गहन और पारदर्शी जांच की जाए।
3. हरे-भरे क्षेत्रों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।
4. पर्यावरण विशेषज्ञों, छात्र संगठनों और स्थानीय समुदायों के साथ सार्थक संवाद किया जाए।
कहा कि विकास आवश्यक है, लेकिन यह पर्यावरणीय विनाश की कीमत पर नहीं होना चाहिए। उन्होंने भावी पीढ़ियों के लिए प्रकृति की रक्षा करने को सामूहिक जिम्मेदारी बताया। एनएसयूआई बीएचयू ने हैदराबाद में चल रहे विरोध प्रदर्शनों का समर्थन करने की प्रतिबद्धता जताई और लोगों से इस मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाने के लिए आगे आने की अपील की। इस दौरान अमन, गुलशन, विशाल, मीना, राहुल, अंकिता, बबीता, स्वीटी, राजीव, रुचि, अर्पिता, जंग बहादुर, कपीश्वर, धर्मेंद्र, अभिषेक, अर्पित, रेहान आदि सदस्य उपस्थित रहे।