महाश्मनाथ नाथ के त्रिदिवसीय वार्षिक श्रृंगार की शुरूआत रूद्राभिषेक से

—तीसरे दिन नगर वधुए नृत्य से बाबा के दरबार में लगाएंगी हाजिरी
वाराणसी,01 अप्रैल (हि.स.)। मोक्षतीर्थ मणिकर्णिकाघाट स्थित श्री श्री 1008 बाबा महाश्मशान नाथ का त्रिदिवसीय वार्षिक श्रृंगार दो अप्रैल बुधवार से शुरू होगा। महोत्सव के पहले दिन बाबा महाश्मशान नाथ का शास्त्रोक्त विधि से रुद्राभिषेक, श्रृंगार पूजन एवं आरती होगी। मंगलवार को यह जानकारी मंदिर के व्यवस्थापक गुलशन कपूर,आयोजन से जुड़े चैनू प्रसाद गुप्ता ने दी।
दोनों पदाधिकारियों के अनुसार दूसरे दिन 3 अप्रैल को दोपहर में भव्य भंडारा और रात्रि में भजन-जागरण का आयोजन होगा। तीसरे व अंतिम दिन तांत्रोक्त विधि से बाबा महाश्मशान का राजशाही शृंगार होगा। बेला, गुलाब आदि सुगंधित फूलों से शृंगार के बाद मदिरा आदि का भोग लगेगा। पूजन एवं अभिषेक के बाद नगर वधुओं की नृत्यांजली होगी। इसमें नगर वधुएं अपने नृत्य के जरिए महाश्मशाननाथ से गुहार लगाती है कि अगले जन्म में हमें इस जिंदगी से छुटकारा मिले और पुण्य की प्राप्ति हो। गौरतलब हो कि चैत्र नवरात्रि के सप्तमी तिथि पर महाश्मशान मणिकर्णिका घाट की इस अनूठी परंपरा की शुरुआत राजा मानसिंह के समय में हुई थी। राजा मान सिंह ने मणिकर्णिका घाट पर महाश्मशान के मसाननाथ मन्दिर का जीर्णोद्धार कराया और उसी उत्सव में उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए तत्कालीन नामचीन कलाकारों को बुलाया लेकिन किसी ने कार्यक्रम में भागीदारी नहीं की। इससे राजा मानसिंह काफी दुखी हुए। यह बात धीरे-धीरे पूरे नगर में फैल गई। तब तत्कालीन समय की नगर वधुओं ने राजा मान सिंह के निमंत्रण को स्वीकार करते हुए महाश्मनाथ मंदिर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम में अपनी कला की प्रस्तुति दी थी। तब से यह परम्परा चली आ रही है। सप्तमी तिथि पर बिना आमंत्रण के ही नगर वधुएं स्वेच्छा से मणिकर्णिका घाट स्वयं आ जाती हैं।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी