बीएचयू और टीसीपीएल के बीच टाटा रिसर्च फेलोशिप प्रोग्राम के लिए समझौता

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बीएचयू और टीसीपीएल के बीच टाटा रिसर्च फेलोशिप प्रोग्राम के लिए समझौता


—युवा और होनहार शोधकर्ताओं को मिलेगी मदद,भविष्य में अकादमिक-उद्योग साझेदारी होगी मजबूत

वाराणसी,20 मार्च (हि.स.)। टाटा रिसर्च फेलोशिप प्रोग्राम शुरू करने के लिए डेयरी विज्ञान और खाद्य प्रौद्योगिकी विभाग , कृषि विज्ञान संस्थान, काशी हिंदू विश्वविद्यालय और टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (टीसीपीएल) के बीच गुरूवार को समझौता हुआ। समझौता (एमओयू) पर हस्ताक्षर विकास गुप्ता ( ग्लोबल हेड ऑफ आरएंडडी, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स) और प्रोफेसर अरुण कुमार सिंह, (रजिस्ट्रार और वरिष्ठ प्रोफेसर बीएचयू ),प्रोफेसर यू.पी. सिंह ( निदेशक कृषि विज्ञान संस्थान, बीएचयू ), प्रोफेसर अनिल के. चौहान, (प्रमुख, डेयरी विज्ञान और खाद्य प्रौद्योगिकी विभाग, बीएचयू ) ने किया।

बताया गया कि टाटा रिसर्च फेलोशिप कार्यक्रम उन विद्वानों को समर्थन देने के लिए बनाया गया है जो खाद्य प्रसंस्करण और स्थिरता के क्षेत्र में अभिनव समाधान विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह एक प्रतिष्ठित कार्यक्रम है जो अंतःविषय अनुसंधान को प्रोत्साहित करता है और खाद्य प्रौद्योगिकी और संबद्ध क्षेत्रों में अत्याधुनिक विकास को बढ़ावा देता है। डेयरी विज्ञान और खाद्य प्रौद्योगिकी विभाग की एक शोध विद्वान इशिता नाग को साक्षात्कार और मूल्यांकन के दो दौर को सफलतापूर्वक पार करने के बाद इस प्रतिष्ठित फेलोशिप के लिए चुना गया था। चयन प्रक्रिया अत्यधिक प्रतिस्पर्धी थी, जिसमें 15 मेधावी छात्रों ने मूल्यांकन में भाग लिया। फेलोशिप चयनित उम्मीदवार को तीन साल की अवधि के लिए या उनके पीएचडी कार्यक्रम के पूरा होने तक वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।

बीएचयू के रजिस्ट्रार प्रो. अरुण कुमार सिंह ने विभाग और इशिता नाग को इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बधाई दी। उन्होंने दोहराया कि विश्वविद्यालय हमेशा शोध उत्कृष्टता को बढ़ावा देने में अग्रणी रहा है और इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के सहयोग विश्वविद्यालय की वैश्विक शैक्षणिक स्थिति को बढ़ाते हैं। यह समझौता ज्ञापन केवल एक दस्तावेज नहीं है; यह नवाचार, ज्ञान-साझाकरण और वैज्ञानिक उत्कृष्टता के लिए प्रतिबद्धता है। इस प्रतिष्ठित फेलोशिप के तहत हमारे विद्वान का चयन समाज को लाभ पहुंचाने वाले शोध को बढ़ावा देने के हमारे संकल्प को मजबूत करता है।

वरिष्ठ प्रोफेसर यू.पी. सिंह ने इस उपलब्धि के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “यह प्रतिष्ठित मान्यता बीएचयू में कठोर शोध संस्कृति और उच्च शैक्षणिक मानकों का प्रमाण है। यह न केवल हमारे संस्थान के लिए गौरव की बात है, बल्कि नवोदित शोधकर्ताओं को अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित भी करती है। यह फेलोशिप खाद्य विज्ञान और कृषि उन्नति में समकालीन चुनौतियों का समाधान करने में अनुसंधान की महत्वपूर्ण भूमिका को पुष्ट करती है।

टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के आरएंडडी के वैश्विक प्रमुख विकास गुप्ता ने इस सहयोग के प्रभाव के बारे में अपनी आशा व्यक्त की। उन्होंने कहा, “टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स युवा और होनहार शोधकर्ताओं को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिनमें अभिनव शोध के माध्यम से खाद्य उद्योग में क्रांति लाने की क्षमता है। बीएचयू के साथ यह समझौता ज्ञापन अकादमिक-उद्योग साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए हमारे समर्पण को दर्शाता है, जो अनुसंधान को वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों में बदलने के लिए महत्वपूर्ण है।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

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