बीकानेर अश्व अनुसंधान केंद्र द्वारा गुजरात में हलारी अश्व संरक्षण पर राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित

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बीकानेर अश्व अनुसंधान केंद्र द्वारा गुजरात में हलारी अश्व संरक्षण पर राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित


बीकानेर, 23 मार्च (हि.स.)। राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, बीकानेर ने गुजरात के उपलेटा (राजकोट) में हलारी अश्व संरक्षण पर एक राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने अश्व संरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए सतत प्रयासों की जरूरत पर चर्चा की।

केंद्र के प्रभागाध्यक्ष डॉ. एस.सी. मेहता ने बताया कि इस कार्यक्रम का आयोजन नेटवर्क परियोजना के तहत किया गया। उन्होंने केंद्र द्वारा अश्व संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जनवरी 2025 में गुजरात के मालधारी अश्वपालकों को बीकानेर में अश्व प्रजनन एवं प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया गया था। इसके बाद फरवरी में गुजरात के पाटन जिले के चानस्मा गांव स्थित हॉर्स एंड डंकी फार्म का दौरा कर हलारी अश्व संरक्षण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई।

इस कड़ी में रविवार को अश्व प्रजनन, रोग निदान एवं उपचार शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में 150 से अधिक अश्वों के लिए उर्वरता एवं स्वास्थ्यवर्धक किट वितरित की गईं। साथ ही, हलारी अश्व पालक मालधारी ट्रस्ट, देवभूमि द्वारका की वार्षिक साधारण सभा का आयोजन भी हुआ, जिसमें डॉ. मेहता को तकनीकी सलाहकार के रूप में आमंत्रित किया गया। डॉ. मेहता ने जानकारी दी कि इसी माह 24 से 26 मार्च 2025 को बीकानेर में एक और कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसमें गुजरात के चुनिंदा पशु चिकित्सा अधिकारियों को अश्व संवर्धन, रोग निदान, उपचार एवं प्रबंधन पर विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।

कार्यक्रम में बीकानेर अश्व अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. कुट्टी ने बांझ निवारण से संबंधित कार्य किया और पशुपालकों को आवश्यक जानकारी दी। नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कृषि आर्थिकी एवं नीति अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. खेमचंद ने नॉन बोवाइन मिल्क परियोजना के तहत हलारी अश्व के दूध के उपयोग और संभावनाओं पर अपने विचार रखे।

इसके अलावा, गुजरात कामधेनु विश्वविद्यालय के डॉ. सौलंकी और उनकी टीम ने शिविर में लाए गए अश्वों का रोग निदान एवं उपचार किया। गुजरात पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. कटारा के नेतृत्व में एक टीम ने शिविर में भाग लिया और भविष्य में सहयोग का आश्वासन दिया। कार्यक्रम का आयोजन भुज स्थित सहजीवन संस्थान की कविता बेन के मार्गदर्शन में नरेंद्र भाई एवं जयेश भाई द्वारा किया गया। इस दौरान हलारी अश्व पालक मालधारी ट्रस्ट की वार्षिक साधारण सभा में ट्रस्ट का वार्षिक लेखा-जोखा प्रस्तुत किया गया एवं पदाधिकारियों के चुनाव संपन्न हुए। कार्यक्रम में सौ से अधिक महिला एवं पुरुष अश्वपालकों ने भाग लिया।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव

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