वीरांगना रानी अवंती बाई का हौसला हिमालय से भी बडा है : मुख्यमंत्री डॉ. यादव



- बालपुर में रानी अवंती बाई के बलिदान दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री, समना विकासखण्ड को तहसील बनाने की घोषणा की
भोपाल, 20 मार्च (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि वीरांगना रानी अवंती बाई के अद्भुत साहस और पराक्रम को देखकर अंग्रेज दहशत में रहते थे। उनके बलिदान दिवस पर नमन कर हम सभी उन्हें कृतज्ञता पूर्वक स्मरण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ने कहा कि महान व्यक्तित्व के धनी अल्पायु में ही ऐसे काम कर जाते हैं, जिससे कि वे सदैव इतिहास में स्मरण किये जाते है। उन्होंने बताया कि अवंती का अर्थ है, 'जिसका कभी अंत न हो।' वीरांगना रानी अवंतीबाई ने अंग्रेजों की हड़प नीति के विरोध में मात्र 26 वर्ष की आयु में आजादी का झण्डा बुलंद करते हुए प्राणोत्सर्ग कर दिया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरुवार को वीरांगना रानी अवंती बाई के बलिदान दिवस पर डिंडौरी जिले के बालपुर में स्थित समाधि स्थल पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने वीरांगना रानी अवंती बाई की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रृद्धा सुमन अर्पित किये। कार्यक्रम में उनहोंने घोषणा करते हुए कहा कि डिंडौरी जिले का समना विकासखंड को तहसील बनाया जायेगा।
मुख्यमत्री ने वीरांगना रानी अवंतीबाई के शौर्य और पराक्रम का पुण्य स्मरण करते हुए कहा कि यह वीरांगनाओं और वीरों की धरती है। यहाँ रानी दुर्गावती, झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई, देवी अहिल्याबाई, राजा रघुनाथशाह एवं कुंवर शंकरशाह जैसे महान व्यक्तित्व जन्मे हैं। रानी लक्ष्मीबाई, रानी अवंती बाई और राजा रघुनाथ शाह एवं कुंवर शंकरशाह ने अपने सीमित संसाधनों से देश व स्वाभिमान के लिये अंग्रेजी शासन के खिलाफ जमकर लोहा लिया। उन्होंने तात्कालिक समय में कठिन परिस्थतियों में सिर्फ आत्म सम्मान, राष्ट्रभक्ति को लेकर समाज को एक नई दिशा दी। रानी अवंती बाई का चरित्र से हमें सीख मिलती है कि डलहौजी की हडप नीति के विरोध में उन्होंने अपनी शासन की रक्षा की। उनके इस योगदान के कारण लोधी समाज सहित सम्पूर्ण समाज रानी अवंती बाई को पूजता है।
महापुरूषों की गौरव गाथा स्वर्णिम अक्षरों में लिखी जाएगी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में देश के स्वतंत्रता संग्राम में आहूति देने वाले महान लोगों की गौरव गाथा को स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जा रहा है। ऐसे महापुरूषों की गौरव गाथाओं को समाज की अगली पीढ़ी तक पहुंचाया जाएगा ताकि भावी पीढ़ी भी महापुरुषों की शौर्य गाथाओं से परिचित हो सकें। भगवान बिरसा मुंडा सहित अन्य वीर इस बात के प्रतीक हैं। जनजातीय समाज के लिए बिरसा मुंडा भगवान हैं। उनके जन्मदिन पर जनजाति गौरव दिवस मनाया जाता है। वीरांगना रानी दुर्गावती की योगदान याद करने के लिए जबलपुर में मध्यप्रदेश शासन की पहली केबिनेट आयोजित की। जनजातीय गौरव को ध्यान में रखते हुए खरगोन विश्वविद्यालय का नाम क्रांतिसूर्य टंटया मामा के नाम पर किया गया।
किसान गरीब, युवा और महिलाओं के हित में कई बडे फैसले लिएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश शासन ने किसान, गरीब, युवा और महिलाओं के हित में कई बडे फैसले लिए हैं। श्रीअन्न (मोटे अनाज) के लिए एक हजार रुपये प्रति क्विंटल, धान के लिए चार हजार रुपये प्रति हेक्टेयर, गेंहू के लिए 2600 प्रति क्विंटल राशि हस्तांतरित करने वाले हैं। 10 से ज्यादा गौ-पालन करने के लिए अनुदान दिया जाएगा। इससे गौ-पालन और दुग्ध उत्पादन को बढावा मिलेगा। प्रदेश में औद्योगिकीकरण के लिए लगातार प्रयास जारी है। डिंडौरी में दुग्ध आधारित उद्योगों के साथ ही लघु उद्योग, मध्यम उद्योग, कुटीर उद्योग सहित सभी प्रकार के उद्योग लगाएंगे। रानी अहिल्या बाई की 300वीं जयंती वर्ष को मना रहे हैं, रानी अवंती बाई और रानी अहिल्या बाई के आदर्शों के सभी पक्षों को लेकर समाज में जा रहे हैं, जिसके आधार पर गरीब, युवा, किसान और नारी के कल्याण कार्यों को कर रहे हैं।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने रानी अवंती बाई की शहादत की पुण्यभूमि में सभी का अभिनन्दन करते हुए कहा कि रानी अवंतिबाई जैसा पराक्रम इतिहास में कम मिलता है। अंगेजों के शासनकाल में रानी अवंतीबाई ने जनमानस के लिए कर वसूली के विरुद्ध अपनी आवाज उठाई, रानी ने 26 वर्ष की उम्र में अपने पराक्रम का परिचय देते हुए, आज से 150 से अधिक वर्ष पहले बताया कि न्याय और परोपकार की भावना के साथ हम हर कार्य कर सकते है।
संस्कृति और पर्यटन राज्यमंत्री धर्मेंद्र लोधी ने कहा कि रानी अवंती बाई का पराक्रम असाधारण एवं अद्भुत है। रानी अवंती बाई ने 1857 की क्रांति में भाग लेकर अपने राज्य की रक्षा कर अंग्रेज अधिकारी वाडिंग्टन को भगाया। विधायक ओमप्रकाश परस्ते ने अपने सम्बोधन में रानी अवंती बाई के बलिदान की शौर्यगाथा का वर्णन किया।क्षेत्र के विकास सौगात के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आभार माना।
जिले के लिए मुख्यमंत्री की सौगात
मुख्यमंत्री ने मेंहदवानी से आईटीआई तक डामरीकरण का कार्य, शहपुरा में 132 केव्ही. का सब स्टेशन निर्माण, दनदना, राघो, नागदमन, गोरखपुर जलाशयों के पक्की नहरीकरण कार्य, नर्मदा तट पर सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन कार्य, मूसरघाट से शहडोल मार्ग, समनापुर में तहसील कार्यालय का क्रियान्वयन, गौराकन्हारी में कन्या छात्रावास, नेवसा वाटरफॉल के समीप गाजर नदी पर बांध बनाये जाने की सौगात दी।
हितग्राहियों को किया हितलाभ वितरण
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एमएसएमई प्रोत्साहन योजना के तहत राहुल केशरवानी को 2 करोड़ 27 लाख स्वीकृत राशि राइस मिल के लिए, सीसीएल के तहत मां नर्मदा आजीविका स्व सहायता समूह सहित 2482 स्व सहायता समूहों को 53 करोड़ 80 लाख की राशि, पीएमएफएमई योजना के तहत अमृता, संतोषी स्व सहायता समूह को फ्लोर मिल के लिए 7 लाख रुपये की राशि का हितलाभ वितरण मंच से किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर