ग्रीष्म ऋतु में सुचारू पेयजल आपूर्ति के लिए पुख्ता रणनीति बनाएं: कलेक्टर

- कलेक्टर ने ग्वालियर शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र की पेयजल व्यवस्था की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश
ग्वालियर, 27 मार्च (हि.स.)। ग्रीष्म ऋतु के दौरान पेयजल आपूर्ति के लिये सुनियोजित रणनीति बनाएं। संधारण की पुख्ता व्यवस्था हो, जिससे नलकूप, विद्युत मोटर व पाइप लाईन इत्यादि खराब होने पर तत्काल ठीक कर पेयजल आपूर्ति सुचारु की जा सके। यह निर्देश कलेक्टर रुचिका चौहान ने गुरुवार को ग्वालियर शहर की पेयजल व्यवस्था की समीक्षा के दौरान नगर निगम की जल प्रदाय व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों को दिये। उन्होंने जिन बस्तियों मे पिछले वर्षों में पेयजल समस्या रही है वहाँ के लिये विशेष इंतजाम करने व पेयजल की शुद्धता पर भी बल दिया है। बैठक में नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय भी मौजूद थे।
बाल भवन में गुरुवार को कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की पेयजल व्यवस्था की विस्तार में समीक्षा की। साथ ही पेयजल व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिये दिशा -निर्देश दिए। उन्होंने जल प्रदाय व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिए कि शहर की पेयजल आपूर्ति के सबसे बड़े स्त्रोत तिघरा जलाशय में उपलब्ध पानी के आधार पर वैज्ञानिक तरीके से अध्ययन कर बताएं कि शहर को कब से प्रतिदिन पानी की आपूर्ति करना उचित रहेगा। वर्तमान में शहर मे एक दिन छोड़कर पेयजल की आपूर्ति की जा रही है।
बैठक में जानकारी दी गयी कि तिघरा जलाशय में वर्तमान में 2702.88 एमसीएफपी पानी उपलब्ध है। पिछले साल इस अवधि में तिघरा में 1612 एमसीएफपी पानी उपलब्ध था। कलेक्टर ने कहा कि इस साल हुई अच्छी बारिश से जिले के जलाशयों मे पानी की उपलब्धता अच्छी है, फिर भी पानी का अपवय न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए, जिससे आगामी मानसून में कम बरसात होने पर भी पेयजल आपूर्ति होती रहे।
शहर के सभी हाईड्रेंट को नक्शे पर दर्शाएं
कलेक्टर रुचिका चौहान ने नगर निगम के जल प्रदाय अधिकारियों को शहर में स्थित सभी हाईड्रेंट को नक्शे पर दर्शाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन हाईड्रेंट को नक्शे पर उन क्षेत्र की बस्तियों के साथ मार्क करें, जिन बस्तियों में जरूरत पड़ने पर इन हाईड्रेंट से पानी उपलब्ध कराया जा सकता है।
कलेक्टर ने बैठक में जोर देकर कहा कि पिछले अनुभवों एवं सीएम हैल्पलाइन की शिकायतों के माध्यम से पेयजल के लिहाज से सामने आई समस्यामूलक बस्तियों में पेयजल आपूर्ति के विशेष इंतजाम करें। व्यवस्था ऐसी हो जिससे टेंकर से सप्लाई की जरूरत न पड़े। उन्होंने आदित्यपुरम, शताब्दीपुरम व सत्यनारायण की टेकरी सहित अन्य पेयजल समस्या मूलक बस्तियों को खासतौर पर रेखांकित किया। कलेक्टर ने कहा विशेष जरूरत पड़ने पर टेंकरों के माध्यम से भी पेयजल सप्लाई करें।
अनाधिकृत रूप से पानी लेने की प्रवृत्ति को सख्ती से रोकें
शहर की पेयजल आपूर्ति की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने जोर देकर कहा कि मैन पाईपलाईन व पानी की टंकी से अनाधिकृत रूप से लेजम लगाकर आगे के घरों की पेयजल आपूर्ति में बाधा डालने की प्रवृत्ति को सख्ती से रोकें। लेजम जब्त करने के साथ-साथ ऐसा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें। इसी तरह पेयजल आपूर्ति के पानी का अनाधिकृत रूप से व्यावसायिक उपयोग करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।
जल संवर्धन के उद्देश्य से कलेक्टर रुचिका चौहान ने शहर के ऐसे स्थानों जहाँ पर बरसात के दौरान जल भराव की स्थिति बनती है वहाँ पर वॉटर रीचार्ज स्ट्रेक्चर बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा नलकूपों को रीचार्ज करने के लिए भी ऐसी संरचनाएं बनाने के लिए कहा। साथ ही कहा सीएम हैल्पलाइन पोर्टल पर आईं जल भराव संबंधी शिकायतों के आधार पर भी जल संवर्धन संरचनाएं बनवाई जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि बरसात से पहले रुफ वॉटर हार्वेस्टिंग संरचनाएं बनवाने का काम अभियान बतौर किया जाए। कलेक्टर ने पानी का अपव्यय रोकने के लिये घर-घर पानी की टंकियों में अलार्म लगवाने पर भी बल दिया। साथ ही कहा कि नगर निगम की सभी टंकियों में भी अनिवार्यत: अलार्म लगाए जाएं।
शहर से जुड़े ग्रामीण वार्डों की पेयजल आपूर्ति भी सुदृढ़ करें
कलेक्टर रुचिका चौहान ने ग्वालियर शहर के ग्रामीण वार्डों (वार्ड 61 से 66) की पेयजल आपूर्ति पर विशेष ध्यान देने के निर्देश भी बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण वार्डो की बस्तियों के नलकूप दुरुस्त करने के लिए वाहन व उपकरणों की व्यवस्था सहित विशेष टीम तैनात करें। नलकूप खराब होने की सूचना मिलने पर टीम तत्काल मौके पर पहुँचकर पेयजल आपूर्ति बहाल करे। बैठक में बताया गया कि दो वाहनों सहित 15 हैंडपंप मैकेनिक की टीम ग्रामीण वार्डों के लिये तैनात कर दी गई है।
मोटर खराबी की वजह से किसी भी गाँव की नल जल योजना बंद न रहे
ग्रामीण क्षेत्र की पेयजल व्यवस्था की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने निर्देश दिए कि बिल जमा न होने व मोटर पंप की खराबी की वजह से किसी भी गाँव की नल जल योजना बंद नहीं होना चाहिए। संबंधित अधिकारी इस पर बारीकी से नजर रखें। उन्होंने कहा कि जो सरपंच नल जल योजना चलाने में आनाकानी कर पेयजल आपूर्ति में बाधा बन रहे है उनके खिलाफ पंचायतराज अधिनियम की धारा- 40 के तहत कार्रवाई की जाए। कलेक्टर ने कहा ग्रामीण अंचल की पेयजल आपूर्ति किसी भी तरह बाधित नहीं होनी चाहिए। जरूरत पड़ने पर निजी नलकूपों का अधिग्रहण भी कराया जा सकता है। उन्होंने हैंडपंपों के संधारण के लिए विकासखण्ड स्तर पर रायजर पाईप सहित अन्य सामग्री का पर्याप्त भण्डारण और मैकेनिकों का इंतजाम रखने के निर्देश दिए। साथ ही निर्माणाधीन नलजल योजनाओं का काम जल्द से जल्द पूर्ण करने के लिए कहा। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार भी मौजूद थे।
जल निगम के कार्यों की भी हुई समीक्षा
कलेक्टर ने साडा क्षेत्र के 28 गाँवों की पेयजल आपूर्ति और विकासखण्ड के गाघाटीगांव व भितरवार के 163 गाँवों के पेयजल आपूर्ति के लिये निर्माणाधीन पेयजल परियोजनाओं की भी समीक्षा की। उन्होंने इन परियोजनाओं के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। इन परियोजनाओं का निर्माण जल निगम द्वारा किया जा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर