नरसिंहपुरः युवाओं और संस्थानों ने मिलकर किया नरहरियानंद सरोवर सांईखेड़ा तालाब का गहरीकरण

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नरसिंहपुरः युवाओं और संस्थानों ने मिलकर किया नरहरियानंद सरोवर सांईखेड़ा तालाब का गहरीकरण


नरसिंहपुरः युवाओं और संस्थानों ने मिलकर किया नरहरियानंद सरोवर सांईखेड़ा तालाब का गहरीकरण


नरसिंहपुरः युवाओं और संस्थानों ने मिलकर किया नरहरियानंद सरोवर सांईखेड़ा तालाब का गहरीकरण


नरसिहंपुर, 6 अप्रैल (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में शुरू हुए जल गंगा संवर्धन अभियान में हर वर्ग की सहभागिता सुनिश्चित की जा रही है। जल संरक्षण व संवर्धन और जल से जुड़ी हर गतिविधियों में समाज का प्रत्येक व्यक्ति इसमें भाग ले रहा है। धार्मिक, स्वैच्छिक, जनअभियान परिषद, नवांकुर संस्था, ग्राम विकास प्रस्फुटन, जनप्रतिनिधि, अधिकारी- कर्मचारी, युवा, वरिष्ठ नागरिक सहित हर वर्ग के नागरिक इस अभियान में अपनी स्वैच्छा से भागीदारी निभा रहे हैं।

इसी क्रम में रविवार को मप्र जनअभियान परिषद नरसिंहपुर के तत्वावधान में जल संरक्षण व संवर्धन के उद्देश्य से सांईखेड़ा के नरहरियानंद सरोवर तालाब में जनसहभागिता से स्वच्छता व गहरीकरण का कार्य किया गया। इस मौके पर जन अभियान परिषद सांईखेडा, नवांकुर संस्था तूमडा, ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति और युवाओं के साथ सभी ने एक साथ मिलकर किया। जन अभियान परिषद द्वारा गांव- गांव जाकर ग्राम विकास प्रस्फुटन समितियों के माध्यम से जल संरक्षण व संवर्धन पर संवाद कार्यक्रम के तहत नागरिकों में जागरूक लाई जा रही है। जल संरचनाओं का संरक्षण करने का प्रयास किया जा रहा है।

जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत ग्राम बम्होरी- तिंदनी में आयोजित हुई जल संगोष्ठी

वहीं, जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत रविवार को मप्र जनअभियान परिषद नरसिंहपुर के तत्वावधान में जिले के ग्राम बम्होरी- तिंदनी में जल संगोष्ठी आयोजित की गई। संगोष्ठी में ग्रामीणों को जल का महत्व बताया गया। संगोष्ठी के दौरान जल संरक्षण व पौधरोपण और अन्य कार्यों के लिए विस्तृत चर्चा की गई।

संगोष्ठी में जिला समन्वयक मप्र जनअभियान परिषद जयनारायण शर्मा ने ग्रामीणों को जल के महत्व व पूर्व में जल संचय, प्रबंधन व तकनीकियों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि हम सभी को मिलकर जल संरक्षण व संवर्धन के लिए तीन चरणों में कार्य करना चाहिए। प्रथम चरण में माह अप्रैल, मई एवं जून में वर्षा जल संचय के लिए जल संरचनाओं का निर्माण, द्वितीय चरण में माह जुलाई, अगस्त एवं सितंबर में वर्षाकाल के दौरान सघन पौधारोपण और तृतीय में माह नवम्बर, दिसंबर, जनवरी एवं फरवरी में बहते जल को रोकने के लिए बोल्डर चेक, बोरी बंधान, गली प्लग आदि के कार्य किये जायें। संगोष्ठी के दौरान ग्रामीणों ने जल संरक्षण व संवर्धन के लिए सामुदायिक सहभागिता से कार्य करने की सहमति जताई। यह संगोष्ठी का आयोजन नवांकुर संस्था ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति बम्होरी के नेतृत्व में किया गया।

जल संरक्षण की दिशा में दीवार लेखन के माध्यम से दिया लोगों को जागरूकता का संदेश

जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत जिले के विभिन्न ग्रामों व पंचायतों में जल संरक्षण व संवर्धन की दिशा में दीवार लेखन के माध्यम से नागरिकों को जागरूकता का संदेश दिया जा रहा है। इसी क्रम में मप्र जनअभियान परिषद नरसिंहपुर के तत्वावधान में परिषद की विकासखण्ड करेली की नवांकुर संस्था, ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति रमपुरा द्वारा जल संरक्षण व संवर्धन के लिए दीवार श्लोगन लेखन के माध्यम से लोगों को जल के महत्व व उसके समुचित उपयोग का संदेश दिया। साथ ही जल के संरक्षण व संवर्धन के लिए प्रेरित किया गया।

नवांकुर संस्था रमपुरा के अध्यक्ष भगवान सिंह लोधी ने बताया कि जिले की 30 नवांकुर संस्थाओं द्वारा जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जल संरक्षण व संवर्धन के लिए कार्य किये जा रहे हैं। इसी तरह पुरानी जल संरचनाओं की साफ- सफाई व उनके जीर्णोद्धार के साथ नवीन जल संरचनाओं का निर्माण तथा जन जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। यह कार्य निरंतर 30 जून तक चलाया जायेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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