वाराणसी : शीतला धाम में पांच दिवसीय संगीत समारोह, गीत-संगीत और भजनों से भक्तिमय बना वातावरण

वाराणसी। दशाश्वमेध घाट स्थित सिद्ध पीठ श्री बड़ी शीतला माता माई धाम में चल रहे पांच दिवसीय संगीत समारोह की चतुर्थ रात्रि भक्ति और कला की अनूठी छटा लेकर आई। माता शीतला के भव्य श्रृंगार और षोडशोपचार विधि से पूजन के साथ आयोजन का शुभारंभ हुआ, जिसे महंत पं. शिव प्रसाद पांडे ने सम्पन्न किया तथा पं. अविनाश पांडे ने आरती उतारी।
Also Read - कुआं खुदवाने के नाम पर ठगे 67 हजार
भक्ति संगीत से सजी इस संगीतमयी रात की शुरुआत डॉ. संदीप केवल की तबला संगत और सनी ज्ञावली की बांसुरी से हुई। उन्होंने राग जोग झप तीन ताल में देवी गीत "निमिया के डार मैया" की धुन बजाकर वातावरण को भक्तिमय बना दिया। इसके बाद मांडवी सिंह, शांभवी सेठ, श्रुति और अनुकृति ने सामूहिक रूप से "या देवी सर्वभूतेषु", "जय जय जगजननि भवानी" जैसे स्तुति गीतों के साथ कथक आधारित भाव नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पं. रमेश पांडेय ने मानस की चौपाइयों और हनुमान चालीसा का संकीर्तन करते हुए "श्री राम जय राम जय जय राम" और "हर हर महादेव" के मधुर स्वर से घाट को गुंजायमान कर दिया। श्रद्धालु भी स्वर मिलाते हुए इस भक्ति भाव में सहभागी बने। इस प्रस्तुति में अमलेश शुक्ला और कृष्ण कुमार दुबे ने सहयोग किया।
लोकगायक गोविंद गोपाल ने देवी गीतों व पचरा के माध्यम से "गंगासागर नहाए उजाला" और "मां के दरबार में जाकर देखो" जैसे भजनों से जनमानस को भावविभोर किया। श्रद्धा पांडे, प्रियांशु दास, पुनीत जेटली, पागल बाबा समेत कई अन्य कलाकारों ने भी प्रस्तुति देकर अपनी हाजिरी लगाई। संगीतकारों में गौरीश श्रीवास्तव (तबला), मोतीलाल शर्मा (ढोलक), सनी विशाल (ऑक्टोपैड), और जियाराम (बैंजो) ने प्रभावशाली संगत की। कलाकारों का स्वागत माता की चुनरी और प्रसाद से पं. मनीष पांडे, पं. फनीष, पं. कमलेश पांडे, पं. अवशेष पांडे और पं. राजेश तिवारी ने किया।