सदस्यों की स्वतंत्रता अक्षुण्ण रखना आसन का उत्तरदायित्व : स्‍पीकर

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सदस्यों की स्वतंत्रता अक्षुण्ण रखना आसन का उत्तरदायित्व : स्‍पीकर


सदस्यों की स्वतंत्रता अक्षुण्ण रखना आसन का उत्तरदायित्व : स्‍पीकर


रांची, 27 मार्च (हि.स.)। विधानसभा अध्य‍क्ष रबींद्र नाथ महतो ने गुरुवार को बजट सत्र के समापन सम्बोधन में कहा कि विधानसभा के सभी सदस्यों की स्वतंत्रता को अक्षुण्ण रखना आसन का उत्तरदायित्व है।

उन्होंने कहा कि अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल में मैंने हमेशा इस बात का ध्यान रखा है कि सदस्य सदन के माध्यम से राज्य के अंतिम व्यक्ति की भावनाओं को व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि उनके लिए सदन में न पक्ष, न विपक्ष, हर कोई सदस्य है।

इसी तरह से उन्होंने सदन संचालन में सदस्यों को अपनी अभिव्यक्ति के लिए सरंक्षण देने का प्रयास किया। विधानसभाध्यक्ष ने कहा कि 24 फरवरी से शुरू होकर होकर 27 मार्च तक कुल 20 कार्य बैठकों के बाद षष्टम झारखंड विधानसभा का द्वितीय (बजट) सत्र का समापन हुआ। यह बजट सत्र कई दृष्टिकोण से कई मायनों में अद्भुत रहा।

उन्होंने कहा कि लम्बे अंतराल के बाद हम सभी ने मिलकर सदन के समय का जिस प्रकार सदुपयोग किया है वह ऐतिहासिक है। यह पक्ष-विपक्ष के सहयोग से ही संभव हो पाया।

अल्पसूचित 246 और तारांकित 851 प्रश्न पूछे गए

उन्होंने कहा कि इस सत्र में कुल 1195 प्रश्न स्वीकृत हुए, जिनमें से स्वीकृत अल्पसूचित प्रश्नों की संख्या 246 एवं तारांकित प्रश्नों की संख्या 851 है। इनमें से 59 अल्पसूचित तथा 66 तारांकित प्रश्न सदन में उत्तरित हुए। विभागों से 1074 प्रश्नों के उत्तर प्राप्त हुए तथा 23 प्रश्नों का उत्तर विभाग के पास लंबित हैं। साथ ही 98 स्वीकृत अतारांकित प्रश्नों का विभाग के पास लंबित हैं। 464 शून्यकाल स्वीकृत हुए। 95 स्वीकृत ध्यानाकर्षण सूचनाओं में से 62 ध्यानाकर्षण सूचनाओं का जवाब मिला तथा 30 लंबित ध्यानाकर्षण सूचनाओं को प्रश्न और ध्यानाकर्षण समिति को सौंपा गया।

विधानसभाध्‍यक्ष ने कहा कि इस सत्र में कुल 83 निवेदन सदस्यों से प्राप्त हुआ जिसे निवेदन समिति को भेजा गया है। विनियोग विधेयक सहित पांच विधेयक सभा में पुरःस्थापित हुआ और सदन की ओर से पारित किए गए।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली सरकार का यह पहला बजट सत्र की शुरूआत राज्यपाल के अभिभाषण से हुई थी, जिसमें राज्यपाल ने अपने अभिभाषण की ओर से गरीबों, वंचितो, शोषितों, आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों के हक और अधिकार दिलाने में राज्य सरकार की प्राथमिकता की बात कही। साथ ही कहा कि वित्त मंत्री ने एक लाख 45 हजार चार सौ करोड़ का वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट सदन में प्रस्तुत किया।

उन्होंंने कहा कि उत्तर सामग्री को लेकर कुछ सदस्यों का शिकायत है, उसे भी आसन महसूस करता है और मानता है कि सदस्यों के उठाये गए प्रश्नों का सटीक और तार्किक उत्तर विभागों की ओर से पटल पर रखे जाएं। उन्होंने सत्र के सफल संचालन में सचिवालय, विधानसभा सचिवालय के पदाधिकारी, कर्मी तथा मीडिया के प्रति आभार प्रकट किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak

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