चुनौतियों को अवसर में बदलने वाला व्यक्ति होता राष्ट्र के लिए उपयोगी : प्रो. टंकेश्वर कुमार

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चुनौतियों को अवसर में बदलने वाला व्यक्ति होता राष्ट्र के लिए उपयोगी : प्रो. टंकेश्वर कुमार


चुनौतियों को अवसर में बदलने वाला व्यक्ति होता राष्ट्र के लिए उपयोगी : प्रो. टंकेश्वर कुमार


चुनौतियों को अवसर में बदलने वाला व्यक्ति होता राष्ट्र के लिए उपयोगी : प्रो. टंकेश्वर कुमार


चुनौतियों को अवसर में बदलने वाला व्यक्ति होता राष्ट्र के लिए उपयोगी : प्रो. टंकेश्वर कुमार


गुजविप्रौवि के मनोविज्ञान विभाग की दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी हुई सम्पन्नहिसार, 27 मार्च (हि.स.)। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, महेन्द्रगढ़ के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा है कि जीवन में चुनौतियां तो आती हैं, लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि हम चुनौतियों का सामना कैसे करते हैं। चुनौतियों को अवसर में बदलने वाला व्यक्ति ही अपने संस्थान व राष्ट्र के लिए उपयोगी हो पाता है। प्रो. टंकेश्वर कुमार गुरुवार को यहां के गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के सौजन्य से विश्वविद्यालय के चौधरी रणबीर सिंह सभागार में ‘बिल्डिंग सस्टेनेबल ऑर्गनाइजेशंस : साइकोलॉजिकल इश्यूज एंड चैलेंजिज’ विषय पर हुई दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे। समारोह में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. विजय कुमार विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे जबकि आईआईटी रूड़की के प्रो. संतोष रंगनेकर समापन समारोह के मुख्य वक्ता थे। आईसीएसएसआर द्वारा प्रायोजित सोसायटी ऑफ इंडस्ट्रियल एंड ओर्गनाइजेशनल साइकोलॉजी (एसओआईओपी) के संयुक्त तत्वाधान में हुई इस संगोष्ठी के समापन समारोह में एसओआईओपी के सचिव प्रो. संदीप कुमार, संगोष्ठी के संरक्षक कुलपति के तकनीकी सलाहकार प्रो. संदीप राणा, संयोजक एवं मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डा. संजय कुमार व आयोजन सचिव डा. तरूणा मंच पर उपस्थित रहे। विदेशी विशेषज्ञ शिक्षक के रूप में इंडोनेशिया से डा. यांगकी भी उपस्थित रहे। संगोष्ठी में ईरान से डा. बहमन कोर्ड तामिनी तथा ढाका से डा. असोक साहा ऑनलाइन माध्यम से जुड़े।मुख्य अतिथि प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि विश्व पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन तथा युद्धों जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है। इन चुनौतियों से निपटने में मनोविज्ञान की अहम भूमिका हो सकती है। मनोवैज्ञानिक समस्याओं को बेहतर ढंग से समझता है। उन्होंने प्रतिभागियों से तकनीक का भी बेहतर तरीके से प्रयोग करने की सलाह दी और कहा कि तकनीक समाधान के साथ-साथ समस्या भी है।कुलसचिव डा. विजय कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि इस संगोष्ठी से प्रतिभागियों ने बहुत सा ज्ञान अर्जित किया है, जिससे उनकी जिज्ञासाएं शांत हुई होंगी तथा कुछ नई जिज्ञासाएं भी उत्पन्न हुई होंगी। उन्होंने कहा कि प्रतिभागी इस ज्ञान का उपयोग राष्ट्र व समाज के निर्माण में करें। वर्ष 2047 तक भारत को स्वच्छ, स्वस्थ, विकसित और विश्व गुरु भारत बनाने में अपना योगदान दें।संगोष्ठी के संरक्षक प्रो. संदीप राणा ने अपने संबोधन में कहा कि यदि शैक्षणिक संस्थानों का वातावरण बेहतर व सकारात्मक हो जाए तो बाकि सब संस्थानों का वातावरण भी बेहतर व सकारात्मक हो जाएगा। उन्होंने प्रतिभागियों से कहा कि समस्या का नहीं, समाधान का हिस्सा बनें। ऋणात्मक ऊर्जा अपने आप समाप्त हो जाएगी।आयोजन सचिव डा. तरूणा ने संगोष्ठी की रिपोर्ट प्रस्तुत की जबकि संयोजक डा. संजय कुमार ने स्वागत सम्बोधन किया। संगोष्ठी की शुरुआत कार्यशाला द्वारा की गई। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, महेंद्रगढ़ की प्रो. पायल चंदेल व बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी के प्रो. संदीप कुमार कार्यशाला के विषय विशेषज्ञ रहे।सांस्कृतिक संध्या में झूमें विद्यार्थीसंगोष्ठी के दौरान सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी किया गया। इस सांस्कृतिक संध्या में मनोविज्ञान के विद्यार्थियों ने शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। विश्वविद्यालय की प्रथम महिला डा. वंदना बिश्नोई ने इस आयोजन में मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने कहा कि किसी भी आयोजन में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति उस आयोजन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है तथा आयोजकों व प्रतिभागियों का उत्साह बढ़ाती है। इस अवसर पर प्रो. मदनावत विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।इनके शोध पत्र हुए पुरस्कृतएसओआईओपी ने घोषणा की कि हरियाणा केन्द्रीय विश्वविद्यालय, महेन्द्रगढ़ की शोधार्थी कोमल चेतीवाल व नेत्राशा सिंह को श्रीमति प्रतिभा सिंह मेमोरियल बैस्ट पेपर का पुरस्कार जबकि ओम स्ट्रलिंग ग्लोबल विश्वविद्यालय, हिसार की नवनीत कौर व कीर्ति नांदल अग्रवाल को श्रीमती सुमित्रा कुशवाहा यंग साइंटिस्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया। फिरोज गांधी महाविद्यालय, लखनऊ के डा. अमिश को प्रोफेसर मदनावत बैस्ट पेपर अवार्ड तथा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी की अंशु प्रिया को प्रोफेसर मंजू ठाकुर बेस्ट पेपर अवार्ड से सम्मानित किया गया। विभाग के शिक्षक प्रो. संदीप राणा, डा. संजय कुमार, प्रो. राकेश बहमनी तथा डा. तरूणा को एसओआईओपी द्वारा विशेष सम्मान से नवाजा गया। इसके अतिरिक्त 18 शोध प्रस्तुतियों को भी श्रेष्ठ शोध प्रस्तुतियों के सम्मान से नवाजा गया।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

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