नारनौलः जन-जन में साक्षरता की अलख जलाती ‘उल्लास योजना’

नारनाैल, 30 मार्च (हि.स.)। समाज के सभी लोगों को आजीवन सीखने के उद्देश्य से 15 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए रविवार को विभिन्न स्कूलों में उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम की परीक्षा का आयोजन किया गया।
उल्लास कार्यक्रम भारत सरकार की एक योजना है जिसका मकसद देश को साक्षर बनाना है। इसे नव भारत साक्षरता कार्यक्रम भी कहा जाता है। इस योजना के जरिए 15 साल से अधिक उम्र के उन लोगों को पढ़ना-लिखना सिखाया जा रहा है, जो किसी वजह से स्कूल नहीं जा पाए।
खंड शिक्षा अधिकारी अशोक शर्मा ने बताया कि नारनौल खंड में 62 परीक्षा केंद्र बनाए गए। उल्लास कार्यक्रम में देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 15 साल से अधिक उम्र के निरक्षरों को शामिल किया जा रहा है। इस योजना का मकसद समाज के सभी लोगों को आजीवन सीखने का मौका देना है।
यह योजना केंद्र सरकार के ‘कर्तव्य बोध’ की भावना पर आधारित है। इसे स्वैच्छिक सेवा के जरिए लागू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उल्लास कार्यक्रम के जरिए, बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान, जरूरी जीवन कौशल, व्यावसायिक कौशल, बुनियादी शिक्षा और सतत शिक्षा का विकास किया जा रहा है। उल्लास कार्यक्रम स्वयंसेवा के माध्यम से शिक्षार्थियों को दीक्षा पोर्टल व उल्लास मोबाइल ऐप के माध्यम से क्षेत्रीय भाषाओं में शैक्षणिक अध्धयन के लिए भी प्रोत्साहित करता है। शिक्षार्थियों और स्वयंसेवी शिक्षकों को दिए जाने वाले प्रमाणपत्र इनके आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं जिससे निरंतर प्रगति होती है ।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्याम सुंदर शुक्ला