एनडीएमसी म्यूजिक इन द पार्क शास्त्रीय संगीत को समर्पित तीन संध्याओं का कर रही आयोजन

WhatsApp Channel Join Now
एनडीएमसी म्यूजिक इन द पार्क शास्त्रीय संगीत को समर्पित तीन संध्याओं का कर रही आयोजन


नई दिल्ली, 26 मार्च (हि.स.)। नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने स्पिक मैके के सहयोग से नेहरू पार्क, चाणक्यपुरी में शनिवार से सोमवार यानी 29 से 31 मार्च तक शाम 06.30 बजे से रोजाना “म्यूजिक इन द पार्क” श्रृंखला के तहत शास्त्रीय संगीत समारोह को समर्पित तीन संध्याओं को आयोजित कर रही है। नेहरू पार्क में इस शास्त्रीय संगीत कार्यक्रम के लिए प्रवेश नीति मार्ग की ओर से है और सभी के लिए यह निःशुल्क है।

स्पिक मैके के सहयोग से 21 साल की प्रतिष्ठित संगीत परंपरा के उत्सव को चिह्नित करने के लिए एनडीएमसी शास्त्रीय संगीत को समर्पित तीन संध्याओं प्रस्तुत करके, शास्त्रीय संगीत के छह दिग्गज कलाकारों के साथ 12 अन्य कलाकारों की प्रतिभा को प्रदर्शित करेगा।

राष्ट्रीय राजधानी के नेहरू पार्क की पृष्ठभूमि में ये शास्त्रीय संगीत समारोह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रति आदर और सम्मान प्रस्तुत करेंगे।

एनडीएमसी द्वारा आयोजित होने वाली शास्त्रीय संगीत संध्याओं की शुरुआत डॉ. एल सुब्रमण्यम और अंबी (कर्नाटक वायलिन वादक ) द्वारा की जाएगी, जिसमें एन राधाकृष्णन (मृदंगम वादक), अकरम खान (तबला वादक ), गणेशन नटराजन (कंजीरा वादक) शामिल होंगे, इसके बाद अश्विनी भिडे देशपांडे (हिंदुस्तानी गायन) के साथ विनोद लेले (तबला), विनय मिश्रा (हारमोनियम) की प्रस्तुति शनिवार 29 मार्च को होगी।

दूसरे दिन शास्त्रीय संगीत समारोह की सन्ध्याओं के क्रम में सरोद वादक तेजेंद्र नारायण मजूमदार ईशान घोष (तबला वादक ) के साथ, संजय सुब्रह्मण्यन (कर्नाटक गायक) के साथ एस वरदराजन (वायलिन वादक), नेवेली बी वेंकटेश (मृदंगम वादक ) रविवार 30 मार्च को होगी।

शास्त्रीय संगीत संध्याओं के समापन दिवस अवसर पर उदय बावलकर (हिंदुस्तानी गायक) के साथ सुखद मुंडे (पखावज वादक), प्रसन्ना विश्वनाथन (मुखर सहयोग) और उसके बाद बेगम परवीन सुल्ताना (हिंदुस्तानी संगीत गायिका) के साथ शादाब सुल्ताना (स्वर समर्थन), अकरम खान, (तबला वादक) और विनय मिश्रा (हारमोनियम वादक) अपनी प्रस्तुति से सोमवार 31 मार्च को भी संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध करेंगे।

उल्लेखनीय है कि एनडीएमसी द्वारा अपने क्षेत्र में संगीत, नृत्य और प्रदर्शन कला जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के पीछे उद्देश्य शहरी जीवन को उन्नत करना है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी

Share this story

News Hub