उपलब्ध सूचनाओं का विवेकपूर्ण सदुपयोग ही गुणात्मक शोध का आधार: प्रो संतोष त्रिपाठी

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उपलब्ध सूचनाओं का विवेकपूर्ण सदुपयोग ही गुणात्मक शोध का आधार: प्रो संतोष त्रिपाठी


उपलब्ध सूचनाओं का विवेकपूर्ण सदुपयोग ही गुणात्मक शोध का आधार: प्रो संतोष त्रिपाठी


-शोध में डेटा विश्लेषण के लिए कूट संकेतन महत्वपूर्ण: मुकेश कुमार

पूर्वी चंपारण,27 मार्च (हि.स.)।महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के मीडिया अध्ययन विभाग में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित दस दिवसीय शोध प्रविधि कार्यशाला के छठे दिन गुरुवार को गुणात्मक शोध में डेटा विश्लेषण पर केंद्रित सत्र का आयोजन हुआ।कार्यशाला के पहले और दूसरे तकनीकी सत्र में मौलाना मज़हरुल हक़ अरबी फ़ारसी विश्वविद्यालय, पटना के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में सहायक आचार्य डॉ मुकेश कुमार ने गुणात्मक शोध में डेटा विश्लेषण के लिए कूट संकेतन की भूमिका पर चर्चा करते बताया कि, गुणात्मक अनुसंधान में कूट संकेतन डेटा को व्यवस्थित करने और उनमें से विषयों और संबंधों को पहचानने की एक प्रक्रिया है जो डेटा विश्लेषण का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। कूट संकेतन से शोध की विश्वसनीयता और निष्कर्षों की वैधता सुनिश्चित होती है। गुणात्मक शोध में विषयवस्तु के अनुसार कूट संकेतन किया जाता है तत्पश्चात उन संकेतों का विश्लेषण करके शोध उद्देश्यों की जाँच की जाती है।

तीसरे तकनीकी सत्र में भौतिकी विभाग के प्रो संतोष कुमार त्रिपाठी ने सभी प्रतिभागियों को सांख्यिकीय उपकरणों के माध्यम से गुणात्मक डेटा का विश्लेषण करने के बारे में बताते हुए कहा कि, उपलब्ध सूचनाओं का विवेकपूर्ण सदुपयोग ही गुणात्मक शोध का आधार है,क्योंकि डेटा से सूचना, सूचना से ज्ञान और ज्ञान से विवेक प्राप्त होता है। इसके अतिरिक्त उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा और नई शिक्षा नीति पर भी प्रकाश डाला। कार्यशाला में विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ परमात्मा कुमार मिश्र एवं डॉ साकेत रमन सहित अन्य शोधार्थी तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / आनंद कुमार

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