Famous Devi Temples: पश्चिम बंगाल के प्रसिद्ध देवी मंदिर, चैत्र नवरात्रि में पहुंचते हैं हजारों भक्त

इस साल चैत्र नवरात्रि पूरे देश में 30 मार्च से लेकर 7 अप्रैल तक मनाया जाएगा। चैत्र नवरात्रि सनातन काल से हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार रहा है। इसलिए देश में चैत्र नवरात्रि बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है।चैत्र नवरात्रि के मौके पर भक्त लोग देश के अलग-अलग राज्यों में स्थित मां दुर्गा के प्रसिद्ध और पवित्र मंदिरों का दर्शन करने का प्लान बनाते रहते हैं। चैत्र नवरात्रि में प्रसिद्ध दुर्गा या काली मंदिरों का दर्शन करने की बात होती है, तो पश्चिम बंगाल का नाम जरूर लिया जाता है।इस आर्टिकल में हम आपको पश्चिम बंगाल में स्थित कुछ प्रसिद्ध और पवित्र दुर्गा मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आप भी चैत्र नवरात्रि के मौके अपनों के साथ दर्शन करने पहुंच सकते हैं।
कालीघाट काली मंदिर
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में स्थित कालीघाट काली मंदिर, राज्य के सबसे प्रसिद्ध और पवित्र मंदिरों में से एक है। यह पवित्र मंदिर देवी काली रूप को समर्पित है। कालीघाट काली मंदिर को 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है।कालीघाट काली मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां देवी सती के दाहिने पैर की उंगलियां गिरी थीं। चैत्र नवरात्रि के मौके पर यहां देश के हर कोने से भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं। मान्यता है कि यहां जो भी सच्चे मन से दर्शन करने पहुंचता है, उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं। चैत्र नवरात्रि में इस मंदिर को लाइट्स और फूलों से सजा दिया जाता है।
दक्षिणेश्वर काली मंदिर
पश्चिम बंगाल में स्थित दक्षिणेश्वर काली मंदिर, मां दुर्गा के काली रूप को समर्पित है। यह राज्य के सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध मंदिरों से एक माना जाता है। इस मंदिर को बंगालियों के अध्यात्म का प्रमुख केंद्र भी माना जाता है।हुगली नदी तट पर स्थित दक्षिणेश्वर काली मंदिर को 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। चैत्र नवरात्रि के दिनों में यहां हर दिन भारी संख्या में भक्त दर्शन और पूजा-पाठ करने के लिए पहुंचते हैं। दक्षिणेश्वर मंदिर अपनी वास्तुकला के लिए भी प्रसिद्ध है।
किरीटेश्वरी मंदिर
किरीटेश्वरी मंदिर, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है, जिसे 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। यह प्रसिद्ध मंदिर हुगली नदी के किनारे स्थित है। यहां मां किरीटेश्वरी के साथ-साथ भगवान शिव की भी पूजा होती है।किरीटेश्वरी मंदिर को लेकर पौराणिक मान्यता है कि यहां माता सती का मुकुट गिरा था। इस मंदिर को कई लोग किरीट शक्तिपीठ के नाम से भी जानते हैं। चैत्र नवरात्रि के मौके पर पश्चिम बंगाल के हर कोने से यहां भक्त अपनी-अपनी मुरादें लेकर पहुंचते हैं। नवरात्रि के मौके पर मंदिर को फूलों से सजा दिया जाता है।
हंगसेश्वरी मंदिर
पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के बांसबेरिया शहर में स्थित हंगसेश्वरी मंदिर, राज्य का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह प्रसिद्ध मंदिर मां काली को समर्पित है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह काली मां को तो समर्पित है, लेकिन माता की मूर्ति काली नहीं, बल्कि नीले रंग की है।हंगसेश्वरी मंदिर अपनी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर में करीब 13 मीनारें हैं और प्रत्येक मीनार की ऊंचाई करीब 21 मीटर है। इस मंदिर का गुंबद कमल के आकार की तरह दिखाई देता है। चैत्र नवरात्रि के मौके पर अन्य मंदिरों की तरह यहां भी भक्तों की खूब भीड़ उमड़ती हैं।
इन मंदिरों में भी पहुंचें
पश्चिम बंगाल में अन्य और भी कई देवी मंदिर हैं, जहां आप चैत्र नवरात्रि के मौके पर पहुंच सकते हैं। जैसे-पश्चिम बंगाल के केतुग्राम में स्थित बहुला शक्तिपीठ मंदिर, पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित तारापीठ मंदिर और पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर जिले बरगभीमा मंदिर का भी दर्शन करने पहुंच सकते हैं।