वाराणसी : स्पेशल ट्रेनों की लेटलतीफी से यात्रियों का मोहभंग, सीटें खाली, नियमित ट्रेनों में टिकट नहीं

वाराणसी। स्पेशल ट्रेनों की धीमी रफ्तार के चलते यात्रियों का इनमें सफर करने का रुझान कम हो रहा है। हाल यह है कि ये ट्रेनें अपनी पूरी क्षमता से भी नहीं भर पा रही हैं, जबकि नियमित ट्रेनों में लंबी वेटिंग लिस्ट चल रही है। खासतौर पर मुंबई रूट पर इसका असर अधिक देखने को मिल रहा है। वहीं नियमित ट्रेनों में सीटें खाली नहीं हैं।
गोरखपुर से मुंबई जाने वाली 01028 गोरखपुर-दादर स्पेशल ट्रेन में विभिन्न श्रेणियों में सीटें खाली पड़ी हैं। इसी तरह 01026 बलिया-दादर स्पेशल ट्रेन में 2 अप्रैल को स्लीपर कोच में केवल 12 वेटिंग है, जबकि टू एसी और थ्री एसी में 50 से अधिक सीटें खाली हैं। यही स्थिति आने वाले दिनों में भी बनी हुई है, जिससे यह साफ हो रहा है कि यात्री इन ट्रेनों में आरक्षण नहीं करा रहे हैं।
दिल्ली जाने वाली ट्रेनों में भी यही हाल है। 22541 गरीब रथ एक्सप्रेस में 500 से अधिक सीटें खाली हैं, जबकि 22416 और 22436 वंदे भारत एक्सप्रेस के दोनों श्रेणियों में पर्याप्त सीटें उपलब्ध हैं। इसके विपरीत, शिवगंगा एक्सप्रेस, काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस, बनारस-नई दिल्ली सुपरफास्ट, श्रमजीवी, फरक्का और संपर्क क्रांति जैसी नियमित ट्रेनों में लंबी वेटिंग लिस्ट चल रही है।
रेलवे पर्यवेक्षकों के अनुसार, मुंबई रूट की स्पेशल ट्रेनों में सीटें खाली जा रही हैं क्योंकि यात्री इनमें टिकट बुक नहीं करवा रहे हैं। इसका मुख्य कारण इन ट्रेनों की सुस्त रफ्तार है। सामान्य रूप से 28 घंटे में पहुंचने वाली ट्रेनें 32 से 34 घंटे में गंतव्य पर पहुंच रही हैं। यात्रियों को नियमित ट्रेनों की तुलना में स्पेशल ट्रेनों में अधिक देरी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनका इनसे भरोसा उठ रहा है। यात्रियों का कहना है कि यदि स्पेशल ट्रेनों को समय पर चलाया जाए और उनकी रफ्तार बढ़ाई जाए, तो इनमें सफर करने वालों की संख्या बढ़ सकती है।