विदेशी मीडिया के बजाय घरेलू स्तर पर राष्ट्रीय चिंताओं को संबोधित करने की जरूरत : सुधीर मिश्रा

विदेशी मीडिया के बजाय घरेलू स्तर पर राष्ट्रीय चिंताओं को संबोधित करने की जरूरत : सुधीर मिश्रा
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विदेशी मीडिया के बजाय घरेलू स्तर पर राष्ट्रीय चिंताओं को संबोधित करने की जरूरत : सुधीर मिश्रा


नई दिल्ली, 04 अप्रैल (हि.स.)। फिल्म निर्देशक और पटकथा लेखक सुधीर मिश्रा ने विदेशी मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम के बजाय घरेलू स्तर पर राष्ट्रीय चिंताओं को संबोधित करने पर जोर दिया है। एक घटना को याद करते हुए फिल्म निर्माता ने कहा, “न्यूयॉर्क टाइम्स ने आज के भारत पर मेरी टिप्पणी के लिए मुझसे संपर्क किया था। मैंने मना कर दिया क्योंकि मैं पहले एक भारतीय हूं। मैं अपनी चिंताओं के बारे में विदेशी मीडिया से क्यों बात करूंगा?”

सुधीर मिश्रा गुरुवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज द्वारा 'स्क्रीन पर राजनीतिक नाटक का प्रतिनिधित्व' विषय पर आयोजित एक स्पेशल लेक्चर को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान सुधीर ने प्रोफेसर और विद्यार्थियों के साथ ज्ञानवर्धक पैनल चर्चा भी की। सुधीर मिश्रा को हजारों ख्वाहिशें ऐसी, धारावी और चमेली जैसी फिल्मों के निर्देशन के लिए जाना जाता है। सुधीर की नई फिल्मों में अफवा, इंकार और ये साली जिंदगी शामिल हैं।

एनिमल जैसी एक्शन थ्रिलर फिल्मों की भारी लोकप्रियता पर चिंता जताते हुए सुधीर मिश्रा ने इसके ब्लॉकबस्टर हिट के लिए दर्शकों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आगे बताया कि दर्शकों को विविध कथाओं को कैसे बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “प्रतिभा की कमजोरी यह है कि उसे दर्शकों की जरूरत होती है।”

इस बीच, उन्होंने उद्योग में संगीत की प्रकृति में बदलाव पर भी चिंता जताई। सुधीर मिश्रा ने कहा, “अति सरलीकरण और व्यावसायीकरण हर कला को शुष्क बना देता है।” सिनेमा के प्रति अपने विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि सिनेमा मेरे लिए एक पत्नी की तरह है, जिसके लिए मैं पूरी तरह से समर्पित हूं।

जेएनयू रेक्टर प्रोफेसर दीपेंद्र नाथ दास मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुए। पैनल चर्चा की अध्यक्षता सामाजिक विज्ञान के डीन प्रोफेसर कौशल कुमार शर्मा द्वारा की गई। इस दारोन सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज की अध्यक्ष डॉ शुचि यादव ने स्वागत भाषण दिया और प्रोफेसर मनुकोंडा रवींद्रनाथ ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए आभार व्यक्त किया। इस चर्चा में डॉ अर्चना कुमारी और डॉ सीलालमुआनसांग किमी भी उपस्थित रहीं। साथ पैनल चर्चा का मंच संचालन शोधार्थी सौम्या तारे ने किया।

हिन्दुस्थान समाचार/सुशील/आकाश

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