अमित शाह के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव का नोटिस खारिज

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अमित शाह के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव का नोटिस खारिज


नई दिल्ली, 27 मार्च (हि.स.)। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने गृह मंत्री अमित शाह के विरुद्ध कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश का विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का नोटिस गुरुवार को खारिज कर दिया।

सभापति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को सुबह सदन में आवश्यक कागजात पटल पर रखवाने के बाद सदन को बताया कि अमित शाह के वक्तव्य से किसी के विशेषाधिकार का हनन नहीं हुआ है, इसलिए यह नोटिस अस्वीकार किया जाता है। उन्हाेंने कहा कि मीडिया में चर्चा पाने के लिए जल्दबाजी में विशेषाधिकारों से संबंधित नियमों का उल्लंघन किया गया है, यह दुखद है। उन्होंने कहा कि सदन को सदस्यों की प्रतिष्ठा को बर्बाद करने का मंच नहीं बनने दिया जाएगा।

सभापति ने कहा कि अमित शाह ने आपदा प्रबंधन विधेयक 2024 पर बहस का जवाब देते हुए कुछ टिप्पणियां करने के बाद अपने बयान को प्रमाणित किया था। गृह मंत्री ने 24 जनवरी 1998 को भारत सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो द्वारा जारी एक प्रेस बयान का हवाला दिया। इसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पीएमएनआरएफ शुरू करने की घोषणा की थी, जिसे प्रधानमंत्री, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष और कुछ अन्य लोगों की एक समिति द्वारा प्रबंधित किया जाना था। इसे ध्यान से पढ़ा गया है। कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। सत्य का पूर्ण पालन किया गया है, जिसकी पुष्टि सदस्यों के पास उपलब्ध दस्तावेज से होती है। विशेषाधिकार का उल्लंघन एक गंभीर मामला है।

सभापति ने कहा कि सदस्य मीडिया के पास जाते हैं, इसे तूल देते हैं, छवि खराब करने की कोशिश करते हैं। यह सदन लोगों की प्रतिष्ठा को बर्बाद करने का मंच नहीं होगा। हमें इसकी रक्षा करनी होगी।

उल्लेखनीय है कि बुधवार को कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी पर आरोप लगाने के लिए शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस पेश किया। यह विशेषाधिकार हनन का नोटिस राज्य सभा के प्रक्रिया एवं कार्य संचालन के नियम 188 के तहत दिया गया था। नोटिस में कहा गया कि चर्चा के दौरान भले ही गृह मंत्री ने सोनिया गांधी का नाम नहीं लिया लेकिन उन्होंने सोनिया गांधी का उल्लेख किया और प्रधानमंत्री राहत कोष (एनपीएमआरएफ) के कामकाज को लेकर आरोप लगाया। कांग्रेस ने गृह मंत्री पर सोनिया गांधी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का आरोप लगाया था।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

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