मप्र में वक्फ बिल के विरोध में मुस्लिम समाज ने काली पट्टी बांधकर पढ़ी नमाज, रायसेन के बेगमगंज में झड़प




भोपाल, 28 मार्च (हि.स.)। मध्य प्रदेश में भी मुस्लिम समाज द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध किया जा रहा है। राजधानी भोपाल, इंदौर समेत कई शहरों में रमजान के आखिरी शुक्रवार को इस विधेयक के विरोध में मुस्लिम समाज के सदस्यों ने बांह पर काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ी। जुमे की नमाज में शामिल हुए। इधर, रायसेन जिले के बेगमगंज में काली पट्टी बांधने को लेकर मुस्लिम समुदाय के दो पक्षों के बीच झड़प हो गई। दोनों पक्षों के लोग आपस में भिड़ गए और एक-दूसरे पर हथियारों से हमला कर दिया। इसमें चार लोग घायल हो गए।
गौरतलब है कि कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुस्लिम समुदाय से काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण और मौन विरोध प्रदर्शन की अपील की थी। बोर्ड ने कहा था कि अगर ये बिल पारित हो गया तो मस्जिद, दरगाह, मदरसे, कब्रिस्तान और कई अन्य संस्थान उनके हाथ से चले जाएंगे।
भोपाल में शुक्रवार को जुमे की नमाज में बड़ी संख्या में लोग काली पट्टी बांधकर शामिल हुए। इंदौर और नर्मदापुरम में भी मुस्लिम समाज के सदस्यों ने बांह पर काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ी। मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने शांतिपूर्ण तरीके से काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराया। इस मौके पर भोपाल काजी सैयद अनस अली ने कहा कि वक्फ अमेंडमेंट बिल वक्फ की संपत्तियों को हड़पने के लिए लाया जा रहा है। यह बिल मुस्लिमों के हित में नहीं है। सुनियोजित तरीके से उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने और मुसलमानों की वक्फ संपत्तियों को हड़पने के लिए यह बिल है। हम अपनी संपत्तियों की हिफाजत हर हाल में करेंगे। वहीं, भोपाल के अरबाज मिर्जा ने कहा कि वक्फ बोर्ड बिल गलत लाया गया है। हमारे उलेमा ए दीन ने काली पट्टी बांधकर इसका विरोध करने के लिए कहा है।
इस विरोध प्रदर्शन पर भोपाल की हुजूर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि करोड़ों मुसलमान दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, पंक्चर की दुकान, हाथ ठेला, कबाड़ी का धंधा कर रहे हैं। उनके पास शिक्षा का, इलाज का साधन नहीं, रहने को मकान नहीं है। अगर प्रधानमंत्री मोदी जी ने उन गरीब मुसलमानों का सोचा तो क्या गलत किया? उन्होंने कहा कि मुसलमानों के नाम पर राजनीति करने वालों के पेट में दर्द हो रहा। वक्फ की जमीन से दो-चार परिवारों का ही पेट पल रहा है। इससे काम नहीं चलेगा। अब जिनके पेट में दर्द होगा, उन्हें हाजमा की गोली दी जाएगी। लेकिन गरीबों का कल्याण जरूर होगा। मुसलमानों की ईद आ रही है, यह तो शायद मीठी ईद है तो मीठा खाओ। मीठा बोलो और दूसरों के भविष्य के बारे में मीठा सोचो।
इधर, रायसेन जिले के बेगमगंज में शुक्रवार को वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में काली पट्टी बांधने को लेकर मुस्लिम समुदाय के बीच झड़प हो गई। यह घटना मुकरबा (बंगले वाली मस्जिद) में हुई। मुस्लिम त्योहार कमेटी के अध्यक्ष शकील पठान ने जब अन्य साथियों को काली पट्टी बांधने से मना किया, तो विवाद शुरू हो गया। इस दौरान दोनों पक्षों के लोगों ने धारदार हथियारों से एक-दूसरे पर हमला कर दिया। इस झड़प में चार लोग घायल हुए।
सूचना मिलते ही बेगमगंज पुलिस मौके पर पहुंची। सभी घायलों को तत्काल सिविल अस्पताल ले जाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद एक गंभीर घायल को बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। स्थिति को देखते हुए पुलिस अधीक्षक पंकज कुमार पाण्डेय ने क्षेत्र में शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने बताया कि मुस्लिम समुदाय ने वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया था। लेकिन यह विरोध प्रदर्शन आपसी झगड़े में बदल गया।
नगर पालिका के पास स्थित मस्जिद में नमाज अदा करने वाले वकील रेहान खान ने वक्फ बोर्ड बिल का विरोध करते हुए कहा कि सरकार संसद में यह बिल लाकर मुस्लिम समाज के कब्रिस्तान और मस्जिदों की संपत्ति पर अपना अधिकार जमाना चाहती है। उन्होंने कहा कि ऐसे बिल नहीं लाए जाने चाहिए जो देश और समाज में धार्मिक विभाजन पैदा करें।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर