झारखंड की सात नाबालिग एवं तीन महिलाएं मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त

खूंटी, 27 मार्च (हि.स.)। उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी लोकेश कुमार और पुलिस अधीक्षक अमन कुमार के निर्देश पर गठित टीम ने मानव तस्करी के शिकार दस लड़कियों को पंजाब, दिल्ली और गुड़गांव से रेस्क्यू कर मुक्त कराया गया है। इनमें सात नाबालिग बच्चियां और तीन बालिग महिलाएं शामिल हैं। पुलिस के अनुसार इसमें से कई पीड़िताएं तो 25-26 वर्षों से मानव तस्करों के चंगुल में रही। पुलिस अधीक्षक ने गुरुवार को एक जारी विज्ञप्ति में बताया कि राज्य से बाहर दिल्ली, गुड़गांव और पंजाब से वापस लाने में सफलता प्राप्त की।
एसपी अमन कुमार ने कहा है कि यह अभियान जिला और पुलिस प्रशाासन द्वारा मानव तस्करी के विरुद्ध चलाए जा रहे संगठित प्रयासों का हिस्सा है और आगे भी इस प्रकार के अभियान जारी रहेंगे। जिन नाबालिग लड़कियों का रेस्क्यू किया गया है, उनमें मारंगहादा थाना क्षेत्र से बीस दिन पहले दिल्ली ले जाई गई बच्ची को गुड़गांव में घरेलू काम में लगाया गया था।
उन्होंने बताया कि खूंटी थाना क्षेत्र से एक बच्ची को चार महीने पहले दिल्ली ले जाया गया, वहां से हरिद्वार ले जाई गई, जहां पर उसे घरेलू काम में लगाया गया था। अड़की थाना क्षेत्र से बीस दिन पहले दिल्ली गई बच्ची को नोएडा में घरेलू काम के लिए भेजा गया था। जरियागढ़ थाना क्षेत्र की नाबालिग बच्ची को डेढ़ महीना पहले दिल्ली ले जाई गई और उसे पानीपत में घरेलू काम में लगाया गया था। कर्रा थाना क्षेत्र से दो साल पहले दिल्ली ले जाई गई बच्ची को एक घर में काम पर रखा गया था, जो वर्तमान में सीडब्लूसी मयूर विहार दिल्ली में सुरक्षित है। सरायकेला-खरसांवा जिला क्षेत्र से एक साल पहले दिल्ली में घरेलू काम के लिए ले जाई गई थी। गिरीडीह जिले से छह महीने पहले दिल्ली ले जाई गई और घरेलू काम में लगाई गई थी। इन सात नाबालिगों के अलावा पुलिस ने तीन बालिग लड़कियों को भी मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया गया है।
उन्होंने बताया कि इनमें फुलमनी कंडुलना (38 वर्ष, खूंटी जिला) को 27 साल पहले मानव तस्करों द्वारा दिल्ली भेजा गया था, जहां 24-25 वर्ष पश्चिम विहार, दिल्ली में और डेढ़ वर्ष गुड़गांव में घरेलू काम कराया गया। सलेयानी डांग(25 वर्ष, खूंटी जिला) को वर्ष 2013 में 13 साल की उम्र में मानव तस्करों द्वारा बेचा गया था। वर्तमान में वह शादीशुदा है और गौतमबुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश में रह रही है। उसने घर लौटने से इनकार कर दिया। रीता कुमारी (30 वर्ष, तोरपा खूंटी जिला) दिल्ली से रेस्क्यू कर घर वापस लाया गया।
रेस्क्यू टीम में इनका रहा योगदान
उपायुक्त लोकेश मिश्रा व पुलिस अधीक्षक अमन कुमार द्वारा गठित टीम में एएचटीयू थाना प्रभारी फुलमनी टोप्पो, सहायक उप निरीक्षक रमजानुल हक, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी अफताब खान, महिला आरक्षी प्रिया कुमारी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल मिश्रा