पांवटा हाईवे में मुआवजे की मांग को लेकर सातवें दिन भी जारी रहा ग्रामीणों का धरना

नाहन, 31 मार्च (हि.स.)। दिल्ली-देहरादून-पांवटा फोरलेन हाईवे के निर्माण को लेकर भूमि अधिग्रहण से जुड़े विवाद ने तूल पकड़ लिया है। पांवटा के भूपपूर क्षेत्र में बसे ग्रामीणों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है, जबकि निर्माण कंपनियों ने उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया है। इस अन्याय के खिलाफ ग्रामीण पिछले सात दिनों से धरने पर बैठे हैं और अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं।गांव की महिलाओं और पुरुषों ने आरोप लगाया कि कंपनियां मनमाने तरीके से कार्य कर रही हैं, जिससे प्रभावित परिवारों को मुआवजा नहीं मिल पा रहा है। उनका कहना है कि वर्तमान में निर्माण कार्य रोक दिया गया है लेकिन अगर जल्द ही समाधान नहीं निकला तो कंपनियां दोबारा काम शुरू कर सकती हैं, जिससे उन्हें फिर से परेशानी झेलनी पड़ेगी।
ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि जब तक उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिल जाता, तब तक निर्माण कार्य को पूरी तरह से रोका जाए।
आज धरना स्थल पर पांवटा के विधायक सुखराम चौधरी पहुंचे और ग्रामीणों से मुलाकात की। उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाया जाएगा और मुआवजा दिलाने के लिए पूरा प्रयास किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ग्रामीणों की मांगें पूरी तरह जायज हैं और मैं इस संबंध में अधिकारियों से बात करूंगा। जब तक ग्रामीणों को उनका हक नहीं मिल जाता, तब तक हम इस मुद्दे को उठाते रहेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / जितेंद्र ठाकुर