गुरुग्राम: विक्रमी सम्वत केवल एक तिथि नहीं श्रेष्ठ भारतीय परम्परा की धारणा है: डा. सुरेंदर पाल

-गुरुग्राम विवि में आयोजित किया गया भारतीय नव वर्ष के उपलक्ष्य में कार्यक्रम
गुरुग्राम, 30 मार्च (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत प्रचारक डॉ. सुरेंदर पाल ने कहा किचैत्र शुक्ल प्रतिपदा से प्रारम्भ हो रहा विक्रमी सम्वत केवल एक तिथि नहीं है, बल्कि यह एक श्रेष्ठ संस्कृति, भारतीय परम्परा, मूल्य आधारित जीवन की धारणा है। भारत के ऋषियों ने वैज्ञानिक आधारित गणना के आधार पर भारतीय नव वर्ष का निर्धारण किया है। यह नव वर्ष प्रारम्भ होते ही प्रकृति, सृष्टि से लेकर खेत खलियान और आम जन जीवन में नव सृजन का शंखनाद होता दिखाई देता है। वे यहां शनिवार देर शाम गुरुग्राम विश्वविद्यालय एवं वसुधैव संस्कृति सहयोग फाउंडेशन के तत्वावधान में भारतीय नव वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में बोल रहे थे।
इस हिन्दू नव वर्ष उत्सव में जहां भारत के विभिन्न राज्यों के कलाकारों द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्र प्रस्तुत किये गए, वहीं सिद्दार्थ मोहन और रैप्परिया बालम जैसे चोटी के कलाकारों ने भी लोगों का भरपूर मनोरंजन किया। आरएसएस प्रान्त प्रचारक डॉ. सुरेंदर पाल ने भारतीय नव वर्ष पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्री राम जी व महाराज युधिष्टिर का राज्य अभिषेक भी इसी दिन हुआ था। ब्रह्मा जी द्वारा सृष्टि की रचना चैत्र शुल्क प्रतिपदा को ही की गई थी। आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद जी ने आर्य समाज की स्थापना जैसे अनेक ऐसे ऐसे कारण ह, जो इस नव वर्ष को सार्थक करता है। नव रात्रों का प्रारम्भ भी इसी पवित्र दिन से होता है। उनके अनुसार आरएसएस संस्थापक डॉ. केशव राम बलिराम हेडगेवार जी का भी जन्मदिन इसी पावन दिवस पर हुआ।
डॉ. सुरेंदर पाल ने आह्वान किया कि आरएसएस स्थापना के शताब्दी वर्ष में सम्पूर्ण समाज के साथ पांच विषय पर कार्य करने का संकल्प लिया। उनके अनुसार सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, नागरिक कर्तव्य, स्वदेशी जीवन शैली व मूल्य आधारित परिवार की संरचना पर सम्पूर्ण समाज को एक निष्ठ होकर कार्य करने की आवश्यकता है। यह भारत की ही जीवन शैली व अपने विचार के प्रति समर्पण से अनेक आक्रमण होने बाद भी सर्वे भवन्तु सुखिन: के सिंद्धांत को कोई भी आक्रमणकारी समाप्त नहीं कर पाया।
भारतीय नववर्ष स्वागत उत्सव कार्यकर्म में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर, प्रान्त कार्यवाहक प्रताप, शिक्षाविद् डॉ. अशोक दिवाकर, रामगोपाल धानुका, श्रीकृष्ण सिंगला, कमलेश अग्रवाल, कुलसचिव डॉ. राजीव कुमार सिंह एवं भारतीय ज्ञान एवं भाषा विभाग के अध्यक्ष प्रो.राकेश कुमार योगी समेत अनेक लोग मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर