अजगरा विधानसभा सीट : स्वतंत्रता सेनानियों का गढ़ रही है मार्कण्डेय महादेव की ये तपोभूमि, किसान और लघु व्यापारी बनाते हैं अपनी 'सरकार'
वाराणसी। साल 2012 में हुए चुनावी परिसीमन के अंतर्गत अस्तित्व में आयी अजगरा विधानसभा सीट (385) के ज़्यादातर क्षेत्र पहले गाज़ीपुर की सैदपुर विधानसभा सीट में शामिल थे। कैथी के प्राचीन मार्कण्डेय महादेव मंदिर, गंगा-गोमती की संगम स्थली और चोलापुर थाने पर स्थित शहीद स्मारक इस विधानसभा को ख़ास बनाते हैं। कभी स्वतंत्रता सेनानियों का गढ़ रहा ये इलाका आज मुख्य रूप से किसान बाहुल्य है। यहां के स्थानीय लोग या तो वाराणसी और दूसरे बड़े शहरों में नौकरी-चाकरी करते हैं, या फिर गांव पर ही रहकर किसानी तथा पशुपालन का व्यवसाय। इसके अलावा इस विधानसभा क्षेत्र में कई छोटे छोटे बाजार भी हैं, जहां लघु व्यापारियों की तादात भी अच्छी खासी है।
वाराणसी की इस विधानसभा सीट पर अभी सिर्फ दो बार ही विधानसभा के चुनाव हुए हैं। ऐसे में सभी प्रत्याशियों के लिए यहाँ के मतदाताओं के मूड को समझना मुश्किल है। हालांकि ज्यादातर ग्रामीण इलाका होने के कारण इस क्षेत्र में जातिगत आधार पर राजनीति भी हावी रहती है। आइये जानते हैं अजगरा विधानसभा सीट से जुड़ी कुछ विशेष जानकारियां, Live VNS की इस ख़ास रिपोर्ट में।
मार्कण्डेय महादेव मंदिर
वाराणसी से करीब 30 किमी दूर गंगा-गोमती के संगम तट पर मार्कंडेय महादेव मंदिर स्थित है। महाशिवरात्री पर यहां विशेष मेले का आयोजन होता है। प्राचीन काल में मार्कण्डेय ऋषि ने यहां 14 वर्षों तक भगवन शिव की कठोर तपस्या की थी। मार्कण्डेय महादेव मंदिर उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध शिव मंदिरों में शामिल है। योगी सरकार में इस मंदिर के आस-पास सुविधाओं में काफी इजाफा किया गया है। इसके अलावा वाराणसी गाजीपुर मार्ग का भी चौड़ीकरण किया गया है।
शहीद स्मारक चोलापुर
इसी विधानसभा क्षेत्र में भारत की आज़ादी से जुड़ा एक ख़ास स्थल भी मौजूद है। चोलापुर थाने के बाहर स्थित इस स्थल पर आज भी 17 अगस्त को यहां शहीद हुए आज़ादी के मतवाले 'विद्यार्थी' को याद किया जाता है। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान 17 अगस्त 1942 को वीर सेनानी वीर बहादुर सिंह के नेतृत्व में चोलापुर थाने पर तिरंगा झंडा फहराने के लिये ढाई सौ की संख्या में युवक शांति जुलूस लेकर आयर इलाके से पहुंचे थे। इसी दौरान ब्रिटिश पुलिस ने निहत्थी जनता पर गोली चलाना शुरू कर दिया। चोलापुर बाजार स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय के कक्षा आठवीं के छात्र रामनरेश उपाध्याय उर्फ 'विद्यार्थी' की थाने के ऊपर चढ़कर झंडा फहराने के दौरान गोली लग गयी, जिससे वे शहीद हो गये। इस इलाके में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की अच्छी खासी तादात रही है।
राजनीतिक उद्भव
कभी गाज़ीपुर की सैदपुर विधानसभा सीट में पड़ने वाले वाराणसी जिले के इस क्षेत्र को साल 2012 में नयी विधानसभा का नाम दिया गया। ये क्षेत्र अजगरा विधानसभा (सुरक्षित) सीट के रूप में सामने आयी। इसका काफी बड़ा भाग चंदौली जिले में भी लगता है। इस विधानसभा सीट पर पहला चुनाव 2012 में हुआ, जिसमें बसपा के त्रिभुवन राम ने अपना परचम लहराया था। वहीं साल 2017 के चुनाव में भाजपा-सुभासपा गठबंधन के प्रत्याशी कैलाशनाथ सोनकर ने यहां से जीत हासिल की। बाद में दोनों पार्टियों का गठबंधन टूट गया।
मौजूदा परिदृश्य
इस समय इस सीट से सुभासपा के कैलाशनाथ सोनकर विधायक हैं। साल 2017 में उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले सुभासपा और भाजपा गठबंधन में बनारस की यह सीट सुभासपा को मिली थी। उस समय कैलाशनाथ सोनकर को 83,778 मत मिले थे। उन्होंने सपा उम्मीदवार लाल जी सोनकर को 21,349 मतों से हराया था। कैलाशनाथ सोनकर को कुल 83,778 और सपा के लालजी सोनकर को 62,429 मत मिले थे
2022 के उम्मीदवार
भाजपा ने अजगरा विधानसभा सीट से बसपा छोड़ बीजेपी में शामिल हुए त्रिभुवन राम को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने आशा देवी को अपना उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने सत्य प्रकाश राम को अजगरा से उम्मीदवार बनाया है। अभी तक सपा-सुभासपा गठबंधन की तरफ से इस सीट के लिये कोई एलान नहीं किया गया है।
मतदाता
वाराणसी की अजगरा विधानसभा सीट पर 3,68,938 मतदाता हैं, जिसमें पुरुष मतदाता 1,96,999 और महिला मतदाता 1,71,928 हैं। साथ ही इस विधानसभा पर 11 थर्ड जेण्डर मतदाता भी हैं। इस वर्ष इस विधानसभा पर 5264 युवा मतदाता पहली बार अपने मताधिकारी का प्रयोग करेंगे।