उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए रोल मॉडल बने एमजीयूजी : सीएम योगी

WhatsApp Channel Join Now
उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए रोल मॉडल बने एमजीयूजी : सीएम योगी


उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए रोल मॉडल बने एमजीयूजी : सीएम योगी


उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए रोल मॉडल बने एमजीयूजी : सीएम योगी


गोरखपुर, 6 अप्रैल (हि.स.)। मुख्यमंत्री एवं महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ ने विश्वविद्यालय के फैकल्टी का आह्वान किया है कि वे समयानुकूल शिक्षण पद्धतियों को अपनाते हुए विद्यार्थियों के भविष्य को स्वर्णिम बनाने के लिए पूर्ण मनोयोग से जुट जाएं। इस विश्वविद्यालय में संसाधनों की कोई कमी नहीं है। स्थापना के अल्प समय में ही यह रोजगारपरक शिक्षण के एक प्रमुख केंद्र के रूप में प्रतिष्ठित हुआ है। अब लक्ष्य यह होना चाहिए कि यह विश्वविद्यालय प्रदेश और देश के उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए रोल मॉडल बने।

कुलाधिपति योगी रविवार शाम एमजीयूजी का निरीक्षण करने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन और फैकल्टी के साथ वर्तमान व्यवस्थाओं और भावी कार्ययोजना की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एमजीयूजी का अकादमिक इंफ्रास्ट्रक्चर विश्व स्तरीय स्वरूप में विकसित हो रहा है। इसके अलावा 1475 सीट का आडिटोरिम बन कर लगभग तैयार है। इसके साथ ही 9500 की क्षमता का स्टेडियम भी बनना है। योगी ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों उद्घाटित इस विश्वविद्यालय ने चार साल से भी कम समय में एमबीबीएस और बीएएमएस जैसे महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम शुरू कर खुद को एक प्रतिमान के रूप में स्थापित किया है। इसके नर्सिंग कॉलेज की ख्याति पहले से ही है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को भी अपनाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

समीक्षा के दौरान गोरखनाथ मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि विश्वविद्यालय में मेडिकल साइंस, नर्सिंग, पैरामेडिकल, एग्रीकल्चर, एलॉयड हेल्थ साइंसेज और फार्मेसी से संबंधित डिप्लोमा से लेकर मास्टर तक के दो दर्जन पाठ्यक्रम संचालित हैं। साथ ही बीबीए लॉजिस्टिक का कोर्स भी शुरू हो चुका है। गत सत्र से 100 सीटों की क्षमता से एमबीबीएस कोर्स शुरू हो गया है। एलॉयड हेल्थ साइंस में माइक्रोबाॅयोलॉजी, बाॅयो टेक्नोलॉजी, बाॅयो केमिस्ट्री जैसे पाठ्यक्रम के साथ ही यहां के सभी पाठ्यक्रम रोजगारपरक हैं और उनकी बहुत मांग है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में यहां पाठ्यक्रम ऐसे हैं जो समाज के लिए लाभकारी, विद्यार्थी के लिए सहज रोजगारदायी हैं। हमारा प्रयास है कि एमबीबीएस की सीटों को और बढ़ाया जाए।

आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गिरिधर वेदांतम ने बताया कि एमजीयूजी के आयुर्वेद कॉलेज बीएएमएस कोर्स के लिए विद्यार्थियों के पसंदीदा संस्थानों में शामिल है। यहां की सभी सीटें शरुआती काउंसलिंग में ही भर जाती हैं। आयुर्वेद कॉलेज से संबद्ध पंचकर्मा सेंटर में दक्षिण भारत से भी बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध हैं।

मेडिकल कॉलेज और आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य की बातों को सुनने के बाद मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आने वाले समय में भारत दुनिया में मेडिकल टूरिज्म का हब बनने जा रहा है। मेडिकल टूरिज्म, अन्य प्रकार के टूरिज्म की तुलना में अधिक व्यापक और महत्वपूर्ण होगा। इसके लिए एमजीयूजी को भी अभी से तैयारी शुरू करनी होगी। इसके लिए मेडिकल एजुकेशन को टेक्नोलॉजी से जोड़ना समय की मांग है। योगी ने फैकल्टी का आह्वान किया कि वे ग्लोबल मार्केट की डिमांड का अध्ययन करें और उसके अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार करें। हमारा जोर मॉडर्न एज कोर्सेज पर होना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय

Share this story