लोकबंधु अस्पताल में जनरल ओपीडी व इमर्जेन्सी सेवा सामान्य रूप से शुरू

लखनऊ,15 अप्रैल (हि.स.)। राजधानी लखनऊ के आशियाना कालोनी स्थित लोकबंधु राजनारायण संयुक्त चिकित्सालय में कल रात आग लगने की घटना के बाद दूसरे दिन जनरल ओपीडी व इमर्जेन्सी सेवा सामान्य रूप से शुरू कर दी गयी है। चिकित्सक अपनी—अपनी ओपीडी में बैठकर मरीजों को देख रहे हैं। यह जानकारी लोकबंधु राजनारायण संयुक्त चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. अजय शंकर त्रिपाठी ने दी। डा. अजय शंकर ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि अस्पताल में आग लगने की घटना से तीन वार्ड प्रभावित हुए थे, जिसमें आईसीयू भी शामिल है। अस्पताल में ओपीडी चालू है लेकिन अभी जांच सेवा प्रभावित है।
फायर कर्मियों ने बचाई 200 मरीजों की जानलोकबंधु अस्पताल में सोमवार रात नौ बजे जब आग लगी उस समय अस्पताल में 200 मरीज भर्ती थे। जानकारी के अनुसार आग आईसीयू बिल्डिंग में लगी। थोड़ी ही देर में पूरे अस्पताल परिसर में धुआं फैल गया और अंधेरा छा गया, जिससे मरीजों और स्टाफ में दहशत फैल गई। अस्पताल के चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ ने तुरंत मरीजों को वहां से शिफ्ट करना शुरू किया। दमकल की गाड़ियों ने आग बुझाई। दमकल विभाग के कर्मचारी और अधिकारियों की सूझबूझ से मरीजों को सकुशल निकालने में सफलता प्राप्त की।
अन्य अस्पतालों में भर्ती कराये गये मरीजों का हो रहा इलाज लोक बंधु अस्पताल में लगी आग का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया और फ़ोन पर अधिकारियों से ली घटना की पूरी जानकारी ली। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, महापौर सुषमा खर्कवाल, मण्डलायुक्त रोशन जैकब व जिलाधिकारी विशाख जी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। अस्पताल के मरीजों को केजीएमयू,सिविल,बलरामपुर व लोहिया संस्थान में भर्ती कराया गया है जहां उनका उपचार चल रहा है। केजीएमयू के ट्रामा सेन्टर में 08 गंभीर मरीजों को भर्ती किया गया है। वहीं सिविल अस्पताल में 26 मरीज भर्ती हैं जिनमें से तीन आईसीयू में हैं। इसी प्रकार बलरामपुर अस्पताल में 14 मरीज भर्ती हैं जहां 01 मरीज आईसीयू में है।
आक्सीजन बंद होने से गयी एक मरीज की जान लोकबंधु अस्पताल में आग लगने की घटना के दौरान आईसीयू में भर्ती 61 वर्षीय राजकुमार प्रजापति की मौत हो गयी। राजकुमार हुसैनगंज के निवासी थे। उन्हें तीन दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था। परिजनों का कहना है कि आग लगने के बाद आईसीयू का गेट बंद कर दिया गया और आक्सीजन सप्लाई भी रोक दी गयी जिसकी वजह से जान गयी।
अस्पताल में लगे फायर उपकरण फेल आग लगने के वक्त अस्पताल में लगे फायर उपकरण पूरी तरह फेल साबित हुए। आईसीयू में लगे स्प्रिंकल भी काम नहीं कर सके। दमकलकर्मियों को राहत कार्य में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। मुख्य अग्निशमन अधिकारी मंगेश कुमार ने बताया कि अस्पताल प्रशासन को नोटिस दी गयी थी। इसके बावजूद उन खामियों को पूरा नहीं किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन