डॉ. अम्बेडकर केवल संविधान निर्माता ही नहीं, बल्कि एक दूरद्रष्टा विचारक भी थे : डॉ. विशाल शर्मा

कानपुर, 07 अप्रैल (हि.स.)। बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर केवल संविधान निर्माता ही नहीं, बल्कि एक दूरद्रष्टा विचारक थे। उनका चिंतन आज के भारत के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक विकास की दिशा तय करता है। ऐसी प्रतियोगिताएं छात्रों को उनके विचारों से जुड़ने का अवसर देती हैं। यह बातें सोमवार को छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में विकसित भारत 2047 के संदर्भ में भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों की प्रासंगिकता विषय पर एक भाषण प्रतियोगिता के कार्यक्रम शुभारंभ के दौरान डॉ. विशाल शर्मा ने कही। यह आयोजन उत्तर प्रदेश शासन एवं विश्वविद्यालय प्रशासन के दिशा-निर्देशन में सम्पन्न हुआ। जिसमें प्रतिभागियों ने अपने विचार प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम की समन्वयक डॉ. रश्मि गौतम ने कहा, आज के युवाओं में डॉ. अंबेडकर के विचारों को समझने और उन्हें क्रियान्वित करने की चेतना जागृत हो रही है। प्रतियोगिता में विभाग के विद्यार्थियों ने सक्रिय सहभागिता करते हुए डॉ. अंबेडकर के विचारों को आधुनिक भारत के परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत किया।
निर्णायक मंडल में पर्यावरण विज्ञान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. द्रौपती यादव ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने समाज में समानता, शिक्षा और न्याय के जो मूल्य स्थापित किए, वे आज भी विकसित भारत की नींव हैं। प्रतिभागियों के विचारों में परिपक्वता और सामाजिक जागरूकता देखने को मिली।
डॉ. पुष्पा ममोरिया ने कहा, डॉ. अंबेडकर का चिंतन केवल अतीत की विरासत नहीं, बल्कि भविष्य का मार्गदर्शन है।
डॉ. जितेन्द्र डबराल ने कहा छात्र-छात्राओं में डॉ. अंबेडकर के विचारों को लेकर जो जागरूकता है, वह भारत के उज्जवल भविष्य की ओर संकेत करती है।
डॉ. योगेन्द्र कुमार पांडे ने कहा, भीमराव अंबेडकर ने अपने विचारों और कार्यों से जिस समतामूलक समाज की परिकल्पना की थी, वह आज ‘विकसित भारत 2047’ की नींव बन रही है। हमें उनके सिद्धांतों को केवल पढ़ना ही नहीं, बल्कि उन्हें अपने जीवन में उतारना होगा। विभाग के कई छात्रों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया इस प्रतियोगिता में सुधीर कुमार को प्रथम स्थान एवं अर्चिता रक्सेल को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रश्मि गौतम ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. ओमशंकर गुप्ता ने किया।
कार्यक्रम में प्रेम किशोर शुक्ला, सागर कनौजिया सहित विभाग के अन्य संकाय सदस्य एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद