साइबर कमांडो ट्रेनिंग प्रोग्राम एक रणनीतिक राष्ट्रीय पहल : प्रो. मणींद्र अग्रवाल

कानपुर, 07 अप्रैल (हि.स.)। भारत का डिजिटल भविष्य केवल नवाचार पर नहीं, बल्कि सुरक्षा पर भी निर्भर करता है। साइबर कमांडो ट्रेनिंग प्रोग्राम एक रणनीतिक राष्ट्रीय पहल है। जिसका उद्देश्य राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय एजेंसियों में साइबर प्रशिक्षित कर्मियों का एक समर्पित समूह तैयार करना है। ये साइबर कमांडो साइबर अपराधों की जांच, डिजिटल संपत्तियों की सुरक्षा और देश की साइबर सुरक्षा को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएंगे। यह बातें सोमवार को आईआईटी निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने कही।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटी कानपुर) के C3iHub ने गृह मंत्रालय (एमएचए) के तहत कार्यरत इंडियन साइबरक्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के सहयोग से साइबर कमांडोज़ के पहले बैच का प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया है। छह महीने के रेज़िडेंशियल साइबर कमांडो ट्रेनिंग प्रोग्राम का समापन समारोह आज आईआईटी कानपुर के नोएडा आउटरीच सेंटर में आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम कानून प्रवर्तन एजेंसियों के भीतर साइबर सुरक्षा क्षमताओं को विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्य पुलिस बलों और केंद्रीय पुलिस संगठनों से कुल 36 अधिकारियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण में साइबर डिफेंस, एथिकल हैकिंग, डिजिटल फॉरेंसिक, पेनिट्रेशन टेस्टिंग जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल थे। इसके अतिरिक्त हार्डवेयर सुरक्षा, ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी और इंटरनेट ऑफ थिंग्स सुरक्षा पर विशेष बूटकैंप आयोजित किए गए। प्रशिक्षण में उद्योग विशेषज्ञों के व्याख्यान और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड, CERT-In और CSIRT Power जैसे संस्थानों के क्षेत्रीय भ्रमण भी शामिल थे।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप