केदारनाथ यात्रा के लिए घोडा-खच्चरों का पंजीकरण शुरू

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केदारनाथ यात्रा के लिए घोडा-खच्चरों का पंजीकरण शुरू


-जनपद के अलग-अलग स्थानों पर संचालित किए जाएंगे 22 शिविर

रुद्रप्रयाग, 22 मार्च (हि.स.)।आज से केदारनाथ यात्रा के लिए घोड़ा-खच्चरों के स्वास्थ्य की जांच और पंजीकरण शुरू हो गया है। आगामी 10 अप्रैल तक जनपद में वि​भिन्न स्थानों पर ​शिविर आयोजित कर पशुपालन विभाग जी-मैक्स कंपनी की मदद से घोड़ा-खच्चरों का पंजीकरण करेगा।

पहले चरण में यात्रा के लिए 5000 घोड़ा-खच्चरों का पंजीकरण किया जाएगा। इस बार, घोड़ा-खच्चरों पर इंटरनल टैग भी लगाया जा रहा है, जिसे स्कैन करने पर पशु के स्वास्थ्य, पशु संचालक और पशु स्वामी के बारे में जानकारी मिलेगी। यात्राकाल में घोड़ा-खच्चरों की निगरानी के लिए पैदल मार्ग पर टॉस्क फोर्स तैनात की जाएगी।

आगामी 2 मई से शुरू हो रही केदारनाथ यात्रा में इस बार घोड़ा-खच्चरों के संचालन की व्यवस्था को और बेहतर किया जा रहा है। शनिवार से ऊखीमठ ब्लॉक के पिठोरा में पशु जांच व पंजीकरण ​शिविर की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ​शिविरों में घोड़ा-खच्चरों के स्वास्थ्य की जांच के साथ ही बीमा किया जाएगा। साथ ही घोड़ा-खच्चर के स्वामी और संचालक की जानकारी भी पंजीकृत की जाएगी।

मुख्य पशुपालन अ​धिकारी डा. आशीष सिंह रावत ने बताया कि जनपद के अगस्तयमुनि, जखोली और ऊखीमठ ब्लॉक के अलग-अलग स्थानों पर कुल 32 ​शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिसमें यात्रा के लिए घोड़ा-खच्चरों का पंजीकरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य जांच की रिपोर्ट के आधार पर पशुओं को यात्रा के लिए पंजीकृत किया जाएगा। साथ ही घोड़ा-खच्चरों के गले की त्वचा की इंजेक्शन से इंटरनल टैग स्थापित किया जाएगा। इधर, सरकार ने इस बार यात्रा में संयुक्त निदेशक स्तरीय अ​धिकारी को नोडल अ​धिकारी के तौर पर तैनात किया जाएगा।

क्या है इंटरनल टैग घोड़ा-खच्चरों के गले की त्वचा पर इंजेक्शन से स्थापित किया जाने वाला इंटरनल टैग एक चिप है। इस चिप में पशु के स्वास्थ्य की जांच, पशु स्वामी और पशु संचालक के बारे में जानकारी को अपलोड किया जाता है। इस चिप को स्कैन करते ही पूरी जानकारी स्क्रीन पर अंकित हो जाएगी।

हजारों परिवारों की आजीविका का माध्यम हैं घोड़ा-खच्चर

केदारनाथ यात्रा में घोड़ा-खच्चर सिर्फ यात्रियों को ढोने का काम नहीं करते, ब​ल्कि हजारों परिवारों की आजीविका का माध्यम भी है। यात्रा में घोड़ा-खच्चरों के संचालन से 25 हजार से अ​धिक परिवारों का भरण-पोषण होता है। एक घोड़ा के साथ कम से कम तीन लोग जुड़े होते हैं।

रिकार्ड कारोबार हुआ

रुद्रप्रयाग। वर्ष 2024 में केदारनाथ यात्रा में घोड़ा-खच्चरों के संचालन से 1 अरब 25 करोड़ से अ​धिक का करोबार हुआ। जबकि वर्ष 2023 में 1 अरब 9 करोड़ और 2022 में 90 करोड़ से अ​धिक का कारोबार हुआ था।

पशुओं का उत्पीड़न नहीं हाेगा बर्दाश्त

पशुपालन मंत्री व जनपद रुद्रप्रयाग प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि आगामी 2 मई से शुरू हो रही केदारनाथ यात्रा को सुव्यव​स्थित और सरल बनाने के लिए घोड़ा-खच्चरों की नियमित मॉनीटरिंग की जाएगी। जानवरों का किसी भी स्तर पर उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और संबं​​धित के ​खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यात्रा के लिए घोड़ा़-खच्चरों का पंजीकरण आज 22 मार्च से शुरू हो रहा है, जो 10 अप्रैल तक चलेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / दीप्ति

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