कुमाऊं विश्वविद्यालय जल्द प्रारंभ करेगा अपना पहला स्टार्टअप: हर्बल एवं कॉस्मेटिक उत्पादों का होगा निर्माण

नैनीताल, 24 मार्च (हि.स.)। कुमाऊं विश्वविद्यालय नवाचार और शोध के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रहा है। विश्वविद्यालय जल्द ही अपना पहला स्टार्टअप प्रारंभ करेगा, जिसके तहत हर्बल एवं कॉस्मेटिक उत्पादों का निर्माण किया जाएगा। यह स्टार्टअप विश्वविद्यालय के भीमताल स्थित फार्मेसी विभाग में स्थापित किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य शोध को व्यावसायिक रूप देना, नवाचार को बढ़ावा देना और विद्यार्थियों को उद्योग से जोड़ना है।
कुलपति ने बताया उद्देश्य
कुलपति प्रो. दीवान सिंह रावत ने बताया कि विश्वविद्यालय में शिक्षा, शोध और नवाचार को प्राथमिकता दी जाती है। इस स्टार्टअप के माध्यम से छात्रों और शोधकर्ताओं को उद्योग से जोड़ने और आत्मनिर्भर भारत अभियान को सशक्त करने की दिशा में प्रभावी कदम उठाया जाएगा। प्रो. रावत ने कहा, हमारा यह प्रयास न केवल गुणवत्ता युक्त हर्बल और कॉस्मेटिक उत्पादों का निर्माण करेगा, बल्कि स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर क्षेत्रीय विकास को भी गति देगा। मैं विश्वविद्यालय के सभी शोधकर्ताओं, शिक्षकों और विद्यार्थियों से आह्वान करता हूं कि वे इस पहल का हिस्सा बनें और नवाचार के क्षेत्र में विश्वविद्यालय को नई ऊंचाई तक पहुंचाएं।
शोध और नवाचार को बढ़ावा: वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों को अपने अनुसंधानों को व्यावसायिक रूप देने का अवसर मिलेगा।
स्थानीय संसाधनों का उपयोग: उत्तराखंड के समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों, जैसे कि जड़ी-बूटियों और औषधीय पौधों का उपयोग कर उत्पाद तैयार किए जाएंगे।
रोजगार और उद्यमिता को प्रोत्साहन: विद्यार्थियों को वैज्ञानिक अनुसंधान के साथ-साथ स्वरोजगार और उद्यमिता के लिए भी प्रेरित किया जाएगा।
क्षेत्रीय विकास को मिलेगा बल
इस परियोजना के माध्यम से विश्वविद्यालय उत्तराखंड के स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर क्षेत्रीय विकास को गति देगा। उत्तराखंड औषधीय गुणों से भरपूर जड़ी-बूटियों और हर्बल उत्पादों के लिए जाना जाता है। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक इन जड़ी-बूटियों का उपयोग कर गुणवत्ता युक्त उत्पादों का निर्माण करेंगे।
विद्यार्थियों को मिलेगा नया अवसर
यह स्टार्टअप विद्यार्थियों के लिए एक बड़ा अवसर साबित होगा। उन्हें शोध और नवाचार के क्षेत्र में व्यावहारिक अनुभव मिलेगा। इसके अलावा वे उद्यमिता को भी अपनाकर स्वरोजगार की दिशा में कदम बढ़ा सकेंगे। विश्वविद्यालय इस परियोजना के माध्यम से नवाचार को प्रोत्साहित करेगा और विद्यार्थियों को नए विचारों को साकार करने का अवसर प्रदान करेगा।
बाजार में होगी उत्पादों की पहचान
कुमाऊं विश्वविद्यालय के इस स्टार्टअप के माध्यम से निर्मित हर्बल और कॉस्मेटिक उत्पादों को बाजार में उतारा जाएगा। इन उत्पादों की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का प्रयास किया जाएगा। विश्वविद्यालय का उद्देश्य है कि ये उत्पाद बाजार में अपनी अलग पहचान बनाएं और उपभोक्ताओं को प्राकृतिक व गुणवत्ता युक्त विकल्प प्रदान करें।
विश्वविद्यालय के लिए ऐतिहासिक कदम
कुमाऊं विश्वविद्यालय का यह स्टार्टअप उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम होगा। इससे विश्वविद्यालय की पहचान एक शिक्षण संस्थान के साथ-साथ एक नवाचार और उद्यमिता केंद्र के रूप में भी स्थापित होगी। इससे विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं, शिक्षकों और विद्यार्थियों को नए आयाम मिलेंगे और वे अपने शोध को व्यावसायिक रूप देने में सक्षम होंगे।
भविष्य की योजनाएं
इस स्टार्टअप की सफलता के बाद विश्वविद्यालय अन्य क्षेत्रों में भी नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने की योजना बना रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि इस पहल से शोध और नवाचार को नई दिशा मिलेगी और उत्तराखंड में स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी